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हैलीपेड भूमि के सत्यापन को गए सीओ के साथ मारपीट

संवाद सूत्र, गोला (रामगढ़) : गोला थाना क्षेत्र के हेंसापोड़ा रजरप्पा में मंगलवार को हैलीपैड निर्माण के लिए चिन्हि्त भूमि का सत्यापन व मापी करने करने गए अंचल अधिकारी सहित अन्य अंचल कर्मियों को ग्रामीणों ने कर दिया। मारपीट से पूर्व कर्मियों को घंटों बंधक बनाकर रखा गया। बताया गया कि ग्रामीणों द्वारा सीओ रितेश कुमार जायसवाल व अमीन बासुदेव प्रसाद के साथ मारपीट की गई। दोनों घायल अधिकारियों का प्राथमिक उपचार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गोला में कराया गया। बेहतर इलाज के लिए रांची रिम्स रेफर कर दिया गया। बताया जाता है कि हेंसापोड़ा रजरप्पा में हैलीपैड निर्माण के लिए खाता नंबर 95 प्लॉट नंबर 333 के 2.

By JagranEdited By: Published: Tue, 30 Oct 2018 09:05 PM (IST)Updated: Tue, 30 Oct 2018 09:05 PM (IST)
हैलीपेड भूमि के सत्यापन को गए सीओ के साथ मारपीट
हैलीपेड भूमि के सत्यापन को गए सीओ के साथ मारपीट

गोला (रामगढ़) : गोला थाना क्षेत्र के हेंसापोड़ा रजरप्पा में मंगलवार को हैलीपैड निर्माण के लिए चिन्हि्त भूमि का सत्यापन व मापी करने करने गए अंचलाधिकारी (सीओ) व अंचलकर्मियों को ग्रामीणों ने बंधक बना लिया और सीओ रितेश कुमार जायसवाल व अमीन बासुदेव प्रसाद के साथ मारपीट की। दोनों घायल अधिकारियों का प्राथमिक उपचार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गोला में कराया गया और बेहतर इलाज के लिए रांची रिम्स रेफर कर दिया गया। बताया जाता है कि हेंसापोड़ा रजरप्पा में हैलीपैड निर्माण के लिए खाता नंबर 95, प्लॉट नंबर 333 का 2.83 एकड़ भूमि चिन्हि्त किया गया है। इसका निरीक्षण करने के लिए आइटेक कंपनी के अधिकारी पहुंचे थे। भूमि सत्यापन के लिए गोला सीओ रितेश कुमार जायसवाल को बुलाया गया था। सीओ अपने साथ सीआइ मदन महली, अमीन बासुदेव प्रसाद, राजस्व कर्मचारी जगेश्वर महतो, चौकिदार शकील अहमद के साथ मौके पर पहुंचे। सीओ का वाहन पहुंचते ही लाठी-डंडे से लैश ग्रामीणों ने पहले सीओ की गाड़ी को चारों ओर से घेर लिया। वाहन के चक्का के आगे-पीछे पत्थर देकर जाम कर दिया। इसके बाद गाड़ी के अंदर बैठे अधिकारियों को लाठी से कूचने लगे। अमीन बासुदेव प्रसाद पर ग्रामीण ज्यादा आक्रोशित थे। उसे बार-बार गाड़ी से ¨खचकर नीचे उतारने की कोशिश किया गया। बाद में ग्रामीणों को समझाने के लिए सीओ वाहन से उतरे। वाहन से उतरते ही उनके साथ मारपीट की गई। सीओ के अनुसार जिस भूमि को हैलीपैड निर्माण के लिए चिन्हि्त किया गया है वह जंगल की जमीन है। इसमें किसी भी तरह से किसी ग्रामीण का कोई कब्जा नहीं है, यह सरकारी जमीन है। हैलीपेड निर्माण की स्वीकृति मिलने के बाद से ग्रामीणों द्वारा ही उक्त भूमि का विरोध किया जा रहा है। देर शाम तक इस संबंध में थाने को आवेदन नहीं दिया गया है। हालांकि पुलिस सीओ से घटना के संबंध में जानकारी ले रही है।

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