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तालाब घेराबंदी का ग्रामीणों ने किया विरोध

संवाद सूत्र लेस्लीगंज (पलामू) पांकी-मेदनीनगर मुख्य सड़क के किनारे कुंदरी स्थित तालाब को ले

By JagranEdited By: Published: Fri, 27 Nov 2020 08:12 PM (IST)Updated: Fri, 27 Nov 2020 08:12 PM (IST)
तालाब घेराबंदी का ग्रामीणों ने किया विरोध
तालाब घेराबंदी का ग्रामीणों ने किया विरोध

संवाद सूत्र, लेस्लीगंज (पलामू) : पांकी-मेदनीनगर मुख्य सड़क के किनारे कुंदरी स्थित तालाब को लेकर शुक्रवार को फिर बड़ी संख्या में ग्रामीण गोलबंद हो गए। मामला था मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में प्रशासनिक स्तर पर तालाब की घेराबंदी किए जाने का। मेदिनीनगर सदर अनुमंडल दंडाधिकारी के आदेश के तहत ग्राम कुंदरी के खाता 220, प्लाट 562, रकवा 56 डिसमिल व प्लाट 563 , रकवा 39 डिसमिल दोनों का मिलाकर कुल रकवा 95 डिसमिल पर शुक्रवार को घेराबंदी किया जाना था। इसके लिए कार्यपालक मेदिनीनगर सदर के दंडाधिकारी सुरेश कुमार सिन्हा बतौर दंडाधिकारी प्रतिनियुक्त किया गया था। प्राप्त आदेश के आलोक में प्रभारी थाना प्रभारी रमेश चंद्र ने जिला से बड़ी संख्या में पुरुष व महिला पुलिस बल मंगवाया था। पूरे दिन थाना परिसर में पुलिस बल इंतजार करते रहे पर प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी सुरेश कुमार सिन्हा नहीं पहुंचे। इस कारण तालाब घेराबंदी का मामला एक बार फिर से टल गया। इधर कुंदरी के ग्रामीणों को इस बात की भनक लग गई। घेराबंदी को रोकने के लिए सुबह 10 बजे से ही बड़ी संख्या में ग्रामीण महिला-पुरुष तालाब किनारे गोलबंद हो गए। रिमझिम बारिश के बावजूद ग्रामीण तालाब किनारे शाम तक डटे रहे। ग्रामीणों ने घेराबंदी का जमकर विरोध किया। मौके पर कई महिला-पुरूषों ने कहा कि जान दे देंगे पर इस तालाब को भरने नहीं देंगे। बताते चलें कि अप्रैल 2020 से ही इस तालाब पर गतिरोध चल रहा है। 29 अक्टूबर को एक बार तालाब भरने की कोशिश की गई थी। इसका ग्रामीणों ने विरोध किया था। पुन: 9 नवंबर को अनुमंडल पदाधिकारी के आदेश पर तालाब घेराबंदी किया जाना था। इसका विरोध करने ग्रामीण पहुंच गए थे। मौके पर संघर्ष समिति के अध्यक्ष मुखिया जितेंद्र शुक्ला, बसंत वर्मा, पूर्व मुखिया प्रतिमा देवी, उप मुखिया रंभा देवी, पंसस प्रेम सागर माली, पूर्व पंसस अर्चना मौर्य, काशीनाथ विश्वकर्मा, बुद्धू सिंह, राजेंद्र पाल, रमेश मेहता, मानमती देवी, मेघा देवी, मनोज पाल, राधेश्याम विश्वकर्मा समेत बड़ी संख्या में महिला-पुरुष शामिल थे। बाक्स.. 1919 के सर्वे के पहले से है यहां तालाब...

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कुंदरी पंचायत के मुखिया जितेंद्र शुक्ला ने बताया कि 1919 के सर्वे के पूर्व से ही यहां पर तालाब है। तालाब से लोगों की आस्था जुड़ी है। कुंदरी, राजोगाड़ी, मूरुबार, मिसिरडीह, पतरा आदि कई गांव के सैकड़ों श्रद्धालु यहां छठ व्रत करते हैं। साथ ही आसपास के गांव के मवेशी इसी तालाब से पानी पीते हैं। तालाब भरने का कोई प्रवधान नहीं है। तालाब भरने का विरोध जारी रहेगा।


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