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चोर से बचे तो थाने में कैद हो गए सपने

कानूनी दांव-पेंच और कागजी खानापूरी में ये कंप्यूटर ऐसे उलझे कि आज 15 साल बाद भी थाने के मालखाने से नहीं निकल सके हैं।

By Sachin MishraEdited By: Published: Tue, 06 Mar 2018 01:38 PM (IST)Updated: Tue, 06 Mar 2018 01:38 PM (IST)
चोर से बचे तो थाने में कैद हो गए सपने
चोर से बचे तो थाने में कैद हो गए सपने

अरविंद तिवारी, चैनपुर (पलामू)। देश में डिजिटल इंडिया अभियान चल रहा है और कंप्यूटर, टैबलेट, लैपटॉप, स्मार्ट फोन और इंटरनेट को न सिर्फ विकास के लिए बल्कि शिक्षा के लिए भी अनिवार्य माना जा चुका है। देशभर के स्कूल जहां इन उपकरणों से लैस कराए जा रहे हैं, वहीं इन उपकरणों से बच्चों की दोस्ती भी बढ़ रही है, लेकिन यह बात पलामू के चैनपुर प्रखंड क्षेत्र के नरसिंहपुर उच्च विद्यालय पर लागू नहीं होती। यहां के बच्चे कंप्यूटर का ककहरा सीखने को तरस रहे हैं, लेकिन इन्हें उपलब्ध कराए गए 5 कंप्यूटर पिछले 15 सालों से जेल की सजा काट रहे हैं।

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थाने के मालखाने में पड़े इन कंप्यूटरों को न तो छुड़ाकर स्कूल लाने की आजतक कोई पहल हुई और न स्कूल को दूसरे कंप्यूटर उपलब्ध कराए गए। 15 सालों से थाने के मालखाने में रखे-रखे ये कंप्यूटर अब चलने की स्थिति में हैं या नहीं यह भी ठीक-ठीक नहीं कहा जा सकता, लेकिन स्कूल के बच्चे अभी भी इन कंप्यूटरों के वापस स्कूल आने की राह तक रहे हैं। गाहे-बेगाहे आसपास के लोग यह कहते भी सुने जाते हैं कि 14 साल में तो भगवान राम का भी वनवास खत्म हो गया था, लेकिन इस स्कूल के कंप्यूटरों की सजा शायद उससे भी लंबी है।

2003 में स्कूल से चोरी हो गए थे कंप्यूटर

विद्यालय में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को कंप्यूटर शिक्षा देने के उद्देश्य से नरसिंहपुर उच्च विद्यालय को पांच कंप्यूटर सेट उपलब्ध कराए गए थे। इसके कुछ ही दिन बाद वर्ष 2003 के ग्रीष्मावकाश के दौरान स्कूल में चोरी हो गई और चोर यहां के पांचो कंप्यूटर सेट भी चुराकर ले गए थे। हालांकि चोर इन्हें अपने साथ ले नहीं जा सके थे। खोजबीन के दौरान घटना के दो दिन बाद पांचो कंप्यूटर स्कूल से 500 मीटर दूर एक खेत में पड़े मिले।

तब स्कूल के शिक्षक, बच्चे और उनके अभिभावक खुश हुए कि शायद यहां के विद्यार्थियों की किस्मत अच्छी है जो कंप्यूटर चोरी होने के बाद भी वापस मिल गए। हालांकि यह खुशी ज्यादा टिकाऊ साबित नहीं हुई। कानूनी दांव-पेंच और कागजी खानापूरी में ये कंप्यूटर ऐसे उलझे कि आज 15 साल बाद भी थाने के मालखाने से नहीं निकल सके हैं। चोरी के बाबत तत्कालीन प्रधानाध्यापक शिवकुमार झा ने चैनपुर थाना में मामला दर्ज कराया था। नियमानुसार चैनपुर पुलिस ने सभी कंप्यूटरों को जब्त कर चैनपुर थाना के मालखाने में जमा कर दिया। तब से कंप्यूटर वहीं हैं।

विद्यालय में कंप्यूटर चोरी से संबंधित कोई कागजात नहीं

कंप्यूटर चोरी से संबंधित कोई कागजात विद्यालय में उपलब्ध नहीं होने के कारण कोर्ट से कंप्यूटर रिलीज की प्रक्रिया नहीं हो पा रही है। कई बार कोर्ट में जाकर जानकारी पाने की कोशिश की पर सफलता नहीं मिली। फिर नए सिरे से पहल करेंगे।

-राज किशोर प्रसाद, प्रधानाध्यापक, उच्च विद्यालय नरसिंहपुर, चैनपुर, पलामू।

कंप्यूटर वापस लाने की पहल करेंगे

विद्यालय से चोरी गए कंप्यूटरों का वापस नहीं आना दुर्भाग्यपूर्ण है। विद्यालय के प्रधानाध्यापक से मिलकर कानूनी प्रक्रिया पूरी कर कंप्यूटर वापस लाने की पहल की जाएगी।

-विकास कुमार चौरसिया, जिला पार्षद, चैनपुर उत्तरी, पलामू।

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