रांची-वाराणसी इकोनामिक कारिडोर से पलामू में होगी सड़क परिवहन क्रांति, हवा से बातें करते हुए दौड़ेंगी गाड़ियां
रांची-वाराणसी इकोनामिक कारिडोर का शिलान्यास केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को रांची से आनलाइन किया। इससे इन दोनों शहरों के बीच की दूरी काफी कम हो जाएगी। सुगम आवागमन के साथ व्यापार भी बढ़ेगा।
जागरण संवाददाता, मेदिनीनगर (पलामू)। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को रांची से आनलाइन रांची-वाराणसी इकोनामिक कारिडोर का शिलान्यास किया। हालांकि, यह परियोजना पहले ही शुरू कर दी गई है। इसकी विहंगम झलक रेहला बाइपास में देखते की बनती है। इस कारिडोर के तहत राजधानी रांची से कुरु तक पहले ही फोरलेन सड़क का निर्माण किया जा चुका है। कुरु से उदयपुरा, भोगु, शंखा, खजुरी होते हुए यूपी के विंढमगंज तक सड़क को फोरलेन बनाने का काम जारी है।
रांची और वाराणसी के बीच घटेगी दूरी
अगले दो साल यानी 2025 में परियोजना पूरी हो जाएगी। इसके बाद रांची से वाराणसी के बीच 10 घंटे का सफर सिमट कर 7 से 8 घंटे का हो जाएगा। इसका सबसे ज्यादा फायदा पलामू को मिलेगा। जिला मुख्यालय मेदिनीनगर से रांची और वाराणसी के बीच वाहन हवा से बातें करते हुए चलेंगे।
पलामू में सड़क परिवहन की क्रांति
रांची-वाराणसी इकोनामिक कारिडोर रांची से कुरू होते हुए चंदवा, लातेहार, मनिका, सतबरवा, डालटनगंज बाइपास, पंडवा मोड़, रेहला बाइपास, गढ़वा होते हुए यूपी के सोनभद्र जिला होते हुए वाराणसी के लिए निकल जाएगा। इसके चालू होने से पलामू में सड़क परिवहन की क्रांति होगी।
पलामू से रांची और वाराणसी के बीच आवागमन आसान होने से व्यापार भी बढ़ेंगे। अच्छी सड़क होने के कारण समय और ईंधन दोनों की बचत होगी। यह कारिडोर को पड़वा मोड़ के समीप एनएच-98 से जोड़ने की योजना है। यह हाइवे फोरलेन किया जा रहा है, जो छतरपुर, हरिहरगंज होते हुए औरंगाबाद में जीटी रोड (एचएच-2 सिक्स लेन) में कनेक्ट होगा।
रांची-वाराणसी इकोनामिक कारिडोर एक नजर में
- कुरु-उदयपुरा सेक्शन-30 किमी, लागत-1423 करोड़
- उदयपुरा-भोगु सेक्शन-50 किमी, लागत-1437 करोड़
- भोगु-शंखा सेक्शन-49 किमी, लागत-1391 करोड़
- खजुरी-विंढमगंज सेक्शन-42 किमी, लागत-1232 करोड़
सिंगरा आरओबी का आनलाइन शिलान्यास
केंद्रीय मंत्री गडकरी ने गुरुवार को रांची से सिंगरा में प्रस्तावित रेल ओवर ब्रिज (आरओबी) निर्माण का शिलान्यास किया। यह 84 करोड़ की लागत से बनेगा। इसके बनने के बाद कोयल नदी पर बने चेड़ाबार-सिंगरा पुल रांची-वाराणसी इकोनामिक कारिडोर से कनेक्ट होगा। चेड़ाबार-सिंगरा पुल निर्माण के पांच साल से ज्यादा हो चुका है। लेकिन लिंक रोड नहीं बनने के कारण चालू नहीं हो पा रहा है। इस आरओबी के बनने के बाद पुल चालू होने का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा।