Lok Sabha Polls 2019: चुनाव प्रचार में होता था आदिवासी नृत्य मंडली का कार्यक्रम
Lok Sabha Polls 2019. पूर्व के चुनाव व आज के चुनाव में काफी अंतर है। जहां पूर्व में प्रत्याशी पैदल घूम घूम कर मतदाताओं से संपर्क करते थे। वहीं आज का चुनावी माहौल बदल गया है।
गढ़वा, संस। पूर्व के चुनाव व आज के चुनाव में काफी अंतर है। जहां पूर्व में प्रत्याशी पैदल घूम घूम कर मतदाताओं से संपर्क करते थे। वहीं आज का चुनावी माहौल बदल गया है। प्रत्याशी वाहनों का काफिला निकाल शक्ति प्रदर्शन कर रहें हैं। चुनावती अतीत के बार में गढ़वा के समाजसेवी नंद कुमार गुप्ता ने बताया कि पूर्व में चुनाव प्रचार आज की तरह शोर शराबा व डीजे की धुन पर नहीं होता था।
चुनाव में उतरे प्रत्याशी मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए ढोल नगाड़ा व डुगडुगी के साथ चुनाव प्रचार करने निकलते थे। गांव गांव घूम घूमकर प्रत्याशी व उनके समर्थक लोगों से अपने पक्ष में मतदान करने की अपील करते थे। कुछ प्रत्याशियों द्वारा आदिवासी नृत्य मंडली के कार्यक्रम का आयोजन कराया जाता था। इस नृत्य मंडली का चुनाव प्रचार में महत्वपूर्ण भूमिका होता था।
लोग इनका कार्यक्रम देखने के लिए एकत्रित होते थे तथा इससे प्रत्याशियों का प्रचार भी हो जाता था। आज की तरह चुनाव प्रचार के लिए सिने स्टार मैदान में नहीं आते थे। प्रत्याशियों का प्रचार ज्यादातर पैदल ही होता था। आज जहां वाहनों का काफिला व मोटरसाइकिल रैली निकालकर प्रत्याशी शक्ति प्रदर्शन करते थे। पूर्व में इस प्रकार का प्रचार देखने को नहीं मिलता था।
प्रत्याशियों द्वारा अपने समर्थन में बैलगाड़ी व साइकिल जुलूस निकाला जाता था। एक साथ कई बैलगाड़ी जुलूस में शामिल होते थे। 1964-65 में जब मैं छोटा था उस समय डाल्टेनगंज में पंडित जवाहरलाल नेहरू आए थे। गढ़वा से भी कई लोग उनका भाषण सुनने गए थे।