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डिबार ठेकेदार ने तथ्य छिपाकर लिया करोड़ों का ठेका

झारखंड सरकार के भवन निर्माण विभाग से डिबार घोषित मां कौशल्या कंस्ट्रक्शन के प्रोपराइटर गोपाल राम ने तथ्य छिपाकर करोड़ों का ठेका लेकर काम कराने में कामयाब हो गए। भवन निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता ने इसकी सूचना 30 अगस्त 2017 को ज्ञापांक 2449 ;भद्ध पत्र से जारी करते हुये सभी विभाग को उपलब्ध कराते हुए अगले आदेश तक उक्त कंस्ट्रक्शन के नाम पर कार्य आवंटित करने पर भी रोक लगा दी है ।

By JagranEdited By: Published: Sun, 04 Nov 2018 06:24 PM (IST)Updated: Sun, 04 Nov 2018 06:24 PM (IST)
डिबार ठेकेदार ने तथ्य छिपाकर लिया करोड़ों का ठेका
डिबार ठेकेदार ने तथ्य छिपाकर लिया करोड़ों का ठेका

विश्रामपुर : झारखंड सरकार के भवन निर्माण विभाग से डिबार घोषित मां कौशल्या कंस्ट्रक्शन के प्रोपराइटर गोपाल राम ने तथ्य छिपाकर करोड़ों का ठेका लेकर काम कराने में कामयाब हुआ। भवन निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता ने इसकी सूचना 30 अगस्त 2017 को ज्ञापांक 2449 पत्र से जारी करते हुए सभी विभाग को उपलब्ध कराते हुए अगले आदेश तक उक्त कंस्ट्रक्शन के नाम पर कार्य आवंटित करने पर भी रोक लगा दी है। इसके बावजूद पैरवी और पहुंच पर उक्त कंस्ट्रक्शन के प्रोपराइटर ने विश्रामपुर नगर परिषद में करोड़ों रुपये का ठेका लेकर सरकारी आदेश को ठेंगा दिखा दिया। वास्तविकता यह है कि जानकारी के बाद भी नगर परिषद द्वारा उसे करोड़ों का ठेका देकर उपकृत करने के बजाय पुरस्कृत किया गया।

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उक्त कंस्ट्रक्शन के नाम से चार सामुदायिक शौचालय निर्माण कार्य कराने समेत नाली और सड़क का कार्य करवाया जा रहा है। विधायक प्रतिनिधि सत्येंद्र नाथ चौबे उर्फ ललन चौबे ने मामले की शिकायत लोकायुक्त व मुख्यमंत्री जन संवाद में भी की है। इसकी भनक लगते ही नगर परिषद के अधिकारी और संवेदक अपने बचाव की दलीलें देने में जुट गए हैं। हालांकि शिकायत के बाद दोनों के पैर के नीचे से जमीन खिसक गयी है।

डिबार घोषित है कंपनी

उक्त कंस्ट्रक्शन के नाम पर गढ़वा गो¨वद उच्च विद्यालय के जीर्णोद्धार का कार्य आवंटित की गई थी। उक्त कार्य में गलत भुगतान का प्रमाण पत्र लगाने से विभाग ने दोषी पाते हुए डिबार घोषित किया है। मां कौशल्या कंस्ट्रक्शन को झारखंड सरकार भवन निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता की ओर से डिबार घोषित कर अगले आदेश तक किसी भी निविदा में भाग नहीं लेने का आदेश निर्गत किया गया है। जिसे तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया था।

उन्होंने बताया कि इसकी सूचना नगर विकास विभाग को भी दी गई थी। लेकिन, विश्रामपुर नगर परिषद इससे अनजान बना रहा। साथ ही विश्रामपुर नगर परिषद के वार्ड एक, दो, छह और 12 में सामुदायिक शौचालय निर्माण कार्य आवंटित भी कर दी गई, जो विश्रामपुर नगर परिषद की ओर से एक बड़ी लापरवाही या कंस्ट्रक्शन के प्रोपराइटर के साथ मिलकर लाभ पहुंचाने का कार्य किया गया।

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मां कौशल्या कंस्ट्रक्शन के डिबार घोषित करने संबंधी किसी प्रकार की सूचना विश्रामपुर नगर परिषद कार्यालय को नहीं मिली है। अगर ठेकेदार ने तथ्य छिपाकर कार्य किया है तो इसकी जांच कराकर उचित कानून सम्मत कार्रवाई की जाएगी। हलीमा बीबी, अध्यक्ष, नगर परिषद, विश्रामपुर।

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मां कौशल्या कंस्ट्रक्शन को डिबार किया गया था। उस नाम से विश्रामपुर में किसी प्रकार का कार्य नहीं कराया गया। मैं अपने नाम के विश्रामपुर नगर परिषद में रजिस्ट्रेशन पर कार्य किया हूं। इससे मां कौशल्या कंस्ट्रक्शन का कोई संबंध नहीं है। झारखंड सरकार भवन निर्माण विभाग की ओर पत्रांक 1722 भ में 27 अगस्त 2018 को डिबार मुक्त कर दिया गया है। जिसकी कॉपी नगर परिषद कार्यालय को भी दे दी गई है।

गोपाल राम, प्रोपराइटर, मां कौशल्या कंस्ट्रक्शन, डंडीला रेहला। विश्रामपुर।।


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