मॉब लिंचिंग के पीड़ित परिवार को मिलेगा न्याय : निदेशक
मॉब लीचिग की घटना के जांच के लिए पहुंची टीम को देख ग्रामीण डर से उपस्थित नहीं हो सके। मालूम हो कि 5 सितंबर 201
संवाद सूत्र, पांडू : राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के निदेशक एसके दुबे, सहायक निदेशक संजय कुमार, डीडब्ल्यूओ निशा तिर्की, डीएसपी सुरजीत कुमार व पांडू के बीडीओ शुक्रवार को तिसीबार गांव पहुंचे। यहां 5 सितंबर 2018 को हुई मॉब लिचिग की घटना में एक की मौत मामले की जांच की। इस दौरान पीड़ित परिवार की सुनीता कुमारी व अनीता देवी से पूछताछ कर जानकारी ली। इसमें पीड़ित परिवार ने पूरी घटना की जानकारी दी।
निदेशक एसके दुबे ने कहा कि इस मामले में पीड़ित परिवार के लोगों को पूरी तरह न्याय मिलेगा। उन्होंने, आगे इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति रोकने के सख्त निर्देश दिए। कहा कि इस मामले में पीड़ित परिवार के लोगों को मुआवजा दिलाया जाएगा। इस मामले को देखरेख कर रहे पुलिस निरीक्षक राजबल्लभ पासवान को निदेशक ने अभियुक्तों के खिलाफ अनुसूचित जाति एक्ट के तहत मामला दर्ज नहीं करने को लेकर नाराजगी जताई ।
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बाक्स: डर से उपस्थित नहीं हो पाए ग्रामीण
मॉब लिचिग की घटना की जांच के लिए पहुंची टीम को देख ग्रामीण डर से उपस्थित नहीं हो सके। मालूम हो कि 5 सितंबर 2018 को पांडू प्रखंड के तिसीबार में मॉब-लिचिग की घटना हुई थी। इसमें बड़ी संख्या में लोगों ने बबलू मुसहर की पिटाई कर दी थी। इससे उसकी मौत हो गई थी। इस मामले में 30 लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया है। इसमें 29 लोगों को जेल भेजा जा चुका है। एक अभियुक्त मुरमा खुर्द गांव निवासी अंकित रजक अब भी फरार है। आज भी इस गांव में यह स्थिति बनी हुई है कि लोग पुलिस को देखते ही घर में दुबक जाते हैं। इस मामले में कुछ भी बोलने से लोग परहेज करते हैं।