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श्रीराम के आदर्शों को जीवन में उतारें : शास्त्रीजी

मेदिनीनगर मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम ने धरती पर नर रूप में जीवन जीने का उत्कृष्ट संदेश दिया है। उन्होंने माता -पिता भाई- बहन गुरु -शिष्य पिता-पुत्र आदि के परस्पर संबंध के उच्चतम मानदंड स्थापित किए हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 29 Feb 2020 06:49 PM (IST)Updated: Sun, 01 Mar 2020 06:21 AM (IST)
श्रीराम के आदर्शों को जीवन में उतारें : शास्त्रीजी
श्रीराम के आदर्शों को जीवन में उतारें : शास्त्रीजी

संवाद सूत्र, मेदिनीनगर : मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम ने धरती पर नर रूप में जीवन जीने का उत्कृष्ट संदेश दिया है। उन्होंने माता -पिता, भाई- बहन, गुरु -शिष्य, पिता-पुत्र आदि के परस्पर संबंध के उच्चतम मानदंड स्थापित किए हैं। हमें इसे जीवन में उतारना चाहिए। उक्त बातें बक्सर से पधारे पं उपेंद्र शास्त्री जी महाराज ने कही। वे पाटन प्रखंड क्षेत्र के किरतो गांव में आयोजित रुद्र महायज्ञ में प्रवचन कर रहे थे। कहा कि सत्संग से मनुष्य के सारे पाप संताप कट जाते हैं। संत दर्शन व संत समागम दोनों से ही जीवन कृतार्थ हो जाता है। कहा कि जिन पर हरि कृपा बरसती है उन्हें ही सत्संग का लाभ मिलता है। बिनु सत्संग विवेक न होई हरीकृपा बिनु सुलभ न सोई। अर्थात सत्संग के बिना मनुष्य में ज्ञान भक्ति बुद्धि विवेक आदि का समुचित संचार नहीं होता। यह सब प्रभु की कृपा से ही संभव हो पाता है। इधर शुक्रवार को महायज्ञ में विधिवत वैदिक मंत्रों के बीच पूजा अर्चना की गई। परिक्रमा पूजन व प्रवचन में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती रही है। कार्यक्रम संचालन में अमलेश दुबे, अशोक दुबे, बचन दुबे, सत्यनारायण सिंह, सच्चिदानंद दुबे, अखिलेश दुबे, आनंद दुबे, अशोक दुबे आदि महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

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