Lok Sabha Polls 2019: छुटभैया नेताओं को मिला रोजगार, कराने लगे जीत और हार
Lok Sabha Polls 2019. लोकसभा चुनाव को लेकर छुटभैया नेताओं की किस्मत का पिटारा खुल गया है। रोजगार की कमी का दंश झेल रहे नेताओं को रोजगार मिलने लगा है।
मेदिनीनगर (पलामू), [तौहीद रब्बानी]। लोकसभा चुनाव को लेकर छुटभैया नेताओं की किस्मत का पिटारा खुल गया है। रोजगार की कमी का दंश झेल रहे नेताओं को रोजगार मिलने लगा है। सुबह से लेकर रात तक चाय, पान, नाश्ता, खाना बिल्कुल फ्री है। वो भी मनपसंद। संबंधित प्रत्याशी के पास जितने छुटभैया नेता हैं, उसका प्रचार उतना ही तगड़ा माना जा रहा है।
जीत-हार मानो इनकी मु_ी में बंद हैं। ऐसे दावे-प्रतिदावे करते हैं, जैसे जीत का प्रमाणपत्र इन्हें ही देना हो। गणित विशेषज्ञ की भांति जीत-हार के अनुत्तरित प्रश्नों का हल ऐसे निकालने लगे हैं, जैसे उन्होंने चुटकी बजाई और जीत का एलान सुनिश्चित हो गया। विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता हों या गली-मोहल्लों के स्वघोषित समाजसेवी।
सब की चांदी होने लगी है। टाइट कुर्ता-पायजामा पर धारदार क्रिच व झकास धोती-कुर्ता इनके उच्च कोटि का नेता होने का प्रमाणपत्र देता नजर आने लगा है। पारदर्शी पॉकेट में कड़कड़ाते नोट इनकी छवि को भव्यता प्रदान करते दिखने लगे हैं। बहुत दिनों से माइक-मंच को तरस रहे तथाकथित इन नेताओं को बोलने का सुअवसर प्राप्त होने वाला है।
शहर व गांवों को स्वर्ग बनाने का तर्क देकर आम जनता को चुप रहने पर मजबूर करने की कोशिश करने लगे हैं। ऐसी घोषणाएं की जा रही हैं, जैसे चुनाव परिणाम आते ही पलामू संसदीय क्षेत्र का कायाकल्प हो जाएगा। कई प्रत्याशियों के तथाकथित समर्थक पलामू से पलायन रोकने व रोजगार उपलब्ध कराने की बात कहने लगे हैं।
कोई अपने प्रत्याशी की उपलब्धि गिना रहा है तो कोई विकास की बात कर रहा है। प्रत्याशियों के कई नेता तो पलामू को भयमुक्त बनाने का ताल ठोंकते नजर आ रहे हैं। ऐसा लग रहा है कि सांसद का चुनाव छुटभैया नेताओं के लिए वरदान बन कर आया है।