कुष्ठ पोर्टल पर अपलोड करें लेपरोसी के मरीजों की जानकारी
मेदिनीनगर लेपरोसी के तमाम मरीजों की जानकारी कुष्ठ पोर्टल पर जरूरत अपलोड करें। उद्देश्य है कि देश स्तर पर इसकी निगरानी आनलाइन की जा सके। उक्त बातें पलामू के जिला कुष्ठ निवारण पदाधिकारी डा एमपी सिंह ने कही। वे सोमवार को स्थानीय सिविल सर्जन कार्यालय सभागार में कुष्ठ पोर्टल को ले आयोजित प्रशिक्षण शिविर को संबोधित कर रहे थे।
संवाद सहयोगी, मेदिनीनगर : लेपरोसी के तमाम मरीजों की जानकारी कुष्ठ पोर्टल पर जरूरत अपलोड करें। उद्देश्य है कि देश स्तर पर इसकी निगरानी आनलाइन की जा सके। उक्त बातें पलामू के जिला कुष्ठ निवारण पदाधिकारी डा एमपी सिंह ने कही। वे सोमवार को स्थानीय सिविल सर्जन कार्यालय सभागार में कुष्ठ पोर्टल को ले आयोजित प्रशिक्षण शिविर को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान जिला डाटा प्रबंधक कृष्णा कुमार शर्मा और जिला कुष्ठ परामर्शी डा एमके मेहता ने मौजूद लोगों को कुष्ठ पोर्टल की जानकारी उपलब्ध कराई। स्वास्थ्य विभाग ने कुष्ठ रोगियों के ऑनलाइन डाटा अपलोड करने के लिए प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, एमपीडब्ल्यू, प्रखंड डाटा मैनेजर, पारा मेडिकल स्टाफों को एक दिनी प्रशिक्षण दिया गया। इस कारण सभी लोगों को ऑनलाइन काम करने के लिए दक्ष करने के लिए ट्रेनिग दिया जा रहा है। जिले के कुष्ठ रोगियों का सारा डाटा अब ऑन लाईन होगा। पहले मैन्यूअल डाटा विभाग के पास रहता था। अब ऑन लाईन डाटा के माध्यम से कुष्ठ रोगियों की जानकारी और निगरानी रखी जाएगी। प्रखंड स्तर से डाटा ऑनलाइन करने के लिए सभी प्रखंडों के चिकित्सा प्रभारियों को आईडी और पासवर्ड उपलब्ध करा दिया गया है। प्रखंड स्तर से ऑनलाइन डाटा जिला स्तर पर आएगी और जिला स्तर पर ऑनलाईन डाटा को समेकित कर झारखंड और झारखंड स्तर पर डाटा को समेकित कर दिल्ली को भेजा जाएगा। मौके पर जिला कार्यक्रम प्रबंधक दीपक कुमार गुप्ता, डा जुबैर अहमद, डा एसकेपी यादव समेत बीपीएम, बीएएम, बीडीएम आदि मौजूद थे।
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बाक्स..मातृ व शिशु मृत्यु की हुई समीक्षा
मेदिनीनगर : पलामू में होने वाली मातृ मृत्यु और शिशु मृत्यु को लेकर समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इसमें पलामू हुए नवजात शिशुओं की मौतों की समीक्षा कर आंकड़ों पर विचार विमर्श किया गया। बताया गया कि पलामू में 15 से 21 नवंबर तक नवजात शिशु सप्ताह बनाया जा रहा है। जन्म के 28 दिन के भीतर होने वाली कुल शिशु मृत्यु दर 72 प्रतिशत है। यह राज्य में जन्मे बच्चों की संस्थान व घर पर देखभाल का एक महत्वपूर्ण घटक है। राष्ट्रीय स्तर पर 15 से 21 नवंबर तक नवजात शिशु सप्ताह मनाया जा रहा है। यूनिसेफ के समन्वयक मनीष प्रियदर्शी ने बताया कि मातृ मृत्यु व शिशु मृत्यु दर की समीक्षा की गई। नवजात शिशु सप्ताह के तहत विभिन्न गतिविधियां हो रही हैं।