सीमित संसाधन में शैक्षणिक संस्थान को किया जा सकता है विकसित : निदेशक
संवाद सहयोगी मेदिनीनगर (पलामू) सीमित संसाधनों में भी शिक्षण संस्थानों को विकसित किया जा सकत
संवाद सहयोगी, मेदिनीनगर (पलामू) : सीमित संसाधनों में भी शिक्षण संस्थानों को विकसित किया जा सकता है। इसके लिए हौसलों को मजबूत रखना जरूरी है। उक्त बातें भारतीय प्रबंधन संस्थान रांची के निदेशक डा. शैलेंद्र सिंह ने कही। वे रविवार को नीलांबर-पीतांबर विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। समारोह का आयोजन वर्चुअल माध्यम से योध सिंह नामधारी महिला कालेज में किया गया था। डा. सिंह ने कहा कि उच्च शिक्षण संस्थानों में किए गए शोध कार्यों को समाजोपयोगी होना चाहिए। शिक्षकों व कर्मचारियों को आत्मनिरीक्षण करने की जरूरत है। समय के समुचित प्रबंधन का जीवन में बड़ा महत्व है। इसके बिना सफलता नहीं मिल सकती। केवल संस्थानों की कमी का रोना रोकर चुप नहीं बैठा जा सकता है। पठन-पाठन में तकनीक के विवेकपूर्ण प्रयोग छात्रों के लिए उपयोगी बना दिया गया है। समारोह की अध्यक्षता नीलांबर-पीतांबर विश्वविद्यालय के कुलपति डा. राम लखन सिंह व संचालन डा. शोभा रानी ने किया। कुलपति ने कहा कि पिछले 11 वर्षों में विश्वविद्यालय ने सार्थक प्रगति की है। विश्वविद्यालय के उत्तरोत्तर प्रगति के लिए अथक प्रयास किया जा रहा है। विश्वविद्यालय का अपने भवन का निर्माण कार्य तेजी से हो रहा है। उन्होंने उम्मीद जाहिर की है कि विश्वविद्यालय शीघ्र ही नए भवन में स्थानांतरित हो जाएगा। वर्चुअल क्लास के माध्यम से दूरवर्ती छात्रों को अध्यापन कराने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सभी अंगीभूत कालेजों को यूजीसी नेट मूल्यांकन के लिए पर्याप्त मदद की जा रही है। विश्वविद्यालय के अनेक मूल्यांकन कार्य प्रगति पर है। प्रतिकुलपति दीप नारायण यादव ने कहा कि विश्वविद्यालय के एकेडमिक कार्यों में उल्लेखनीय प्रगति अंकित की गई है। सिलेबस में महत्वपूर्ण संशोधन किए गए हैं। बोर्ड आफ स्टडीज का गठन किया गया है। लंबित परीक्षाओं को तेजी से लिया जा रहा है। उन्होंने उम्मीद जाहिर की है कि वर्ष 2021 के जुलाई माह तक सत्र नियमित हो जाएंगे। एनपीयू के कुलसचिव डा. सत्येंद्र नारायण सिंह ने विश्वविद्यालय का वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। कहा कि कई लंबित कमेटियों को वैधानिक प्रावधानों के तहत क्रियाशील किया गया है। इसके पीछे उद्देश्य है कि विश्वविद्यालय की कार्य क्षमता में तेजी लाई जा सके। परीक्षा विभाग में काफी सुधार लाए गए हैं। कहा कि परीक्षाओं के आयोजन व परीक्षाफल के प्रकाशन में भी तेजी आई है। समारोह को एनपीयू विज्ञान विभाग के डीन डा. महेंद्र राम, वाणिज्य संकाय के डीन डा. आरपी सिंह, सोशल साइंस की डीन डा. अनीता सिन्हा आदि ने भी संबोधित किया। इससे पहले एनपीयू की डीएसडब्ल्यू व महिला कालेज की प्राचार्य डा. मोहिनी गुप्ता ने अतिथियों के सम्मान में स्वागत भाषण दिया। धन्यवाद ज्ञापन कुलानुशासक डा. विवेक कुमार चौबे ने किया।
मौके पर डा. सीमा, डा. अंजू सिंह, डा. शोभा, डा. मनोरमा सिंह, डा. घनश्याम पांडेय, डा. केसी झा, डा. गोविद तिवारी, डा मीना आदि मौजूद थे।
सांस्कृतिक कार्यक्रम की भी हुई प्रस्तुति
: एनपीयू के स्थापना दिवस समारोह के दौरान छात्राओं ने राष्ट्रगान, सरस्वती वंदना, स्वागत गीत व नृत्य आदि सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर उपस्थित लोगों का मन मोह लिया। इसमें मुख्य रूप से जया मिश्रा, अनुप्रिया गार्गी, रुचि, शिवानी, शिवानी पाठक, प्रीति सिंह व प्रिया पाठक आदि का नाम शामिल है।
वर्चुअल माध्यम से जुड़े सैकड़ों अध्यापक व विद्यार्थी
: कोरोना संक्रमण के कारण एनपीयू की 12 स्थापना दिवस का समारोह वर्चुअल माध्यम से हुआ। वाइएसएनएम कालेज के वर्चुअल क्लास में आयोजित समारोह में आनलाइन माध्यम से सैकड़ों अध्यापक व विद्यार्थी जुड़े। लोगों ने अतिथियों के विचारों से वाकिफ भी हुए। यह पहला मौका है जब एनपीयू का आनलाइन स्थापना दिवस समारोह मनाया जा रहा है।