विभिन्न राज्यों के कलाकारों ने लगाई कृतियों की प्रदर्शनी
मेदिनीनगर : बेतला महोत्सव के बैनरतले स्थानी नगर भवन में आयोजित दो दिनी फिनाले के पहले दिन गुरुवार को विभिन्न राज्यों के कलाकारों ने चित्र प्रदर्शनी लगाई। फिनाले में पहुंचे अतिथियों ने प्रदर्शनी का अवलोकन किया। इसमें पलामू प्रमंडल के अलग-अलग गाँव, शहर के अलावा झारखंड, बिहार, बंगाल, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पंजाब व अन्य राज्यों के कलाकारों ने विभिन्न कृतियों की प्रदर्शनी लगाई गई थी।
मेदिनीनगर : बेतला महोत्सव के बैनरतले स्थानी नगर भवन में आयोजित दो दिनी फिनाले के पहले दिन गुरुवार को विभिन्न राज्यों के कलाकारों ने चित्र प्रदर्शनी लगाई। फिनाले में पहुंचे अतिथियों ने प्रदर्शनी का अवलोकन किया। इसमें पलामू प्रमंडल के अलग-अलग गाँव, शहर के अलावा झारखंड, बिहार, बंगाल, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पंजाब व अन्य राज्यों के कलाकारों ने विभिन्न कृतियों की प्रदर्शनी लगाई गई थी। इससे पहले कार्यक्रम का आगाज हरिवंश प्रभात की लिखित महोत्सव गीत उत्सव है, महोत्सव है बेतला महोत्सव है.. से हुई। इसके बाद वन संरक्षक मनीष अर¨वद, माटी कला के सदस्य अविनाश वर्मा, आलोक वर्मा, सुधीर कुमार, पंकज श्रीवास्तव, प्रेम, नैयर जमाल, र¨वद्र नाथ पांडेय सहित अन्य लोगों ने सामूहिक रूप से दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की। मनीष अर¨वद ने कहा कि बेतला महोत्सव में विशेष रूप से संरक्षण का मुद्दा उठाया गया है। यह आम आवाम से जुड़ा मुद्दा है। अविनाश देव ने कहा कि प्रकृति से तमाम लोगों को जुड़ने की जरूरत है। प्रकृति बिना भेदभाव के लोगों से प्यार करती है। अंतर्राष्ट्रीय चित्रकार राजीव चौहान ने कहा कि हम शहर में रहते हैं। शहर में जो नदी बह रही है, यह इस शहर का सौभाग्य है। ¨हदुस्तान की खूबसूरती भी इसी में है। इसका संरक्षण जरूरी है। बाद में पर्यावरण संरक्षण में साहित्य की भूमिका विषय पर चर्चा हुआ। इप्टा के राज्य सचिव प्रेम प्रकाश ने इसका संचालन किया। सुषमा श्रीवास्तव, प्रो एससी मिश्रा, हरिवंश प्रभात, आलोक वर्मा व युवा कवि अभिनव मिश्रा शामिल थे। स्व जगदीश्वर प्रसाद की रचित तुलसी के मानसेतर काव्य का आयोजन किया गया।