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पर्यावरण को कविता का विषय बनाएं : मनीष

बाटम कवियों ने किया विदाई समारोह का आयोजन मुख्य वन संरक्षक सह कवि कुमार मनीष अरविद

By JagranEdited By: Published: Mon, 02 Aug 2021 06:37 PM (IST)Updated: Mon, 02 Aug 2021 06:37 PM (IST)
पर्यावरण को कविता का विषय बनाएं : मनीष
पर्यावरण को कविता का विषय बनाएं : मनीष

बाटम

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कवियों ने किया विदाई समारोह का आयोजन मुख्य वन संरक्षक सह कवि कुमार मनीष अरविद को दी गई विदाई फोटो : 02डीजीजे 13

कैप्शन : कुमार मनीष अरविद को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित करते बाएं से दूसरे प्रो. केके मिश्रा। संवाद सूत्र, मेदिनीनगर (पलामू) : पर्यावरण को कविता का विषय जरूर बनाएं। पर्यावरण रहेगा तभी मानव समाज का कल्याण संभव है। उक्त बातें मुख्य वन संरक्षक सह कवि कुमार मनीष अरविद ने कही। वे सोमवार को स्थानीय वन विभाग के विश्रामागार में साहित्यिक संस्था परिमल प्रवाह के बैनर तले आयोजित विदाई समारोह में बोल रहे थे। कहा कि कवियों समेत सभी के सहयोग से मंजिल पाने का अवसर मिला है। वे कवियों की उम्मीदों पर खरा उतरने की कोशिश करेंगे। वे जहां भी रहेंगे पर्यावरण संरक्षण टीम जरूर बनाएंगे। प्रो. केके मिश्रा ने कहा कि कर्मठता से कुमार मनीष अरविद ने एक आदर्श प्रस्तुत किया है। कवि श्रीधर द्विवेदी ने कहा कि कुमार एक कुशल प्रशासक, श्रेष्ठ साहित्यकार व क्रियाशील पर्यावरणविद हैं। कवि हरिवंश प्रभात ने कहा कि अरविद ने पलामू के कवियों की रचना से सुसज्जित ''चलो करें श्रृंगार धरा का'' काव्य संकलन छपवाकर खास उपलब्धि अर्जित की है। गर्व है कि पलामू में रहते हुए इन्हें मैथिल साहित्य का साहित्य अकादमी पुरस्कार से नवाजा गया है। परिमल प्रवाह के अध्यक्ष विजय प्रसाद शुक्ल ने कहा कि अरविद का पलामू वासियों का अटूट संबंध बना रहेगा। शिक्षक परशुराम तिवारी ने कहा कि अरविद ने साबित किया है कि पद नहीं बल्कि कर्म ही व्यक्ति की असली पहचान है। कवि संस्था के सचिव उमेश कुमार पाठक, धनंजय पाठक, विजय शंकर मिश्र, रामप्रवेश पंडित,अनुज पाठक, मनीष मिश्रा व मो.इफ्तिखार ने विदाई गीत गाकर वातावरण को भावुक बना दिया। कवि रमेश सिंह ने मान-पत्र पढ़कर उनके गुणों का बखान किया। मौके पर सत्यनारायण तिवारी, सुनील कुमार सिन्हा, शंकर शरण श्रीवास्तव आदि मौजूद थे।


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