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कठिन दौर से गुजर रहा नेताजी के सपनों का आजाद ¨हदुस्तान

मेदिनीनगर : नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने जो आजाद ¨हदुस्तान की परिकल्पना की थी, वह ¨हदुस्तान आज कठिन दौर से गुजर रहा है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 23 Jan 2019 10:57 PM (IST)Updated: Wed, 23 Jan 2019 10:57 PM (IST)
कठिन दौर से गुजर रहा नेताजी के सपनों का आजाद ¨हदुस्तान
कठिन दौर से गुजर रहा नेताजी के सपनों का आजाद ¨हदुस्तान

मेदिनीनगर : नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने जो आजाद ¨हदुस्तान की परिकल्पना की थी, वह ¨हदुस्तान आज कठिन दौर से गुजर रहा है।

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सबका देश हमारा देश कार्यक्रम के तहत पूरे देश में शिक्षा स्वास्थ्य, रोजगार के सवाल पर चर्चा हो रही है। हमें अपने महान नायक को याद करते हुए उनके बलिदान को याद करने की जरूरत है। उक्त बातें भारत ज्ञान विज्ञान समिति के राष्ट्रीय परिषद के सदस्य शिव शंकर प्रसाद ने कहीं। वे बुधवार को भारत ज्ञान विज्ञान समिति पलामू के तत्वावधान में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर सबका देश हमारा देश कार्यक्रम के तहत आयोजित विचार गोष्ठी को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। स्वतंत्रता आंदोलन मे नेताजी की भूमिका इसका विषय था। इसकी अध्यक्षता ज्ञान विज्ञान समिति के अध्यक्ष गोपाल प्रसाद ¨सह ने की। ज्ञान विज्ञान समिति झारखंड के कार्यकारी अध्यक्ष रामानुग्रह ¨सह ने विचार गोष्ठी का उद्घाटन किया। कहा कि आज हमारा देश राजनैतिक अराजकता के दौर से गुजर रहा है। ऐसे में नेताजी के बताए रास्ते पर चल कर ही हम देश की एकता अखंडता को अक्षुण्ण रख सकते हैं। शिव शंकर ने कहा कि प्राकृतिक संसाधन के परिपूर्ण होने के बावजूद आज हम भूख, गरीबी व बेराजगारी का दंश झेल रहे हैं। आज हमारा समाज जात, धर्म, संप्रदाय के नाम पर विभाजित है। हमें सभी को जोड़ने का काम करना चाहिए। इससे हम धर्म संप्रदाय व जात से उपर उठकर बेहतर समाज बना सकेंगे।

गोपाल प्रसाद ¨सह ने कहा कि आज के दौर मे हमें देश के असली नायक को याद करने की आवश्यक्ता है। ताकि आने वाली पीढ़ी अपने पूर्वजों से सीखे और जीवन में अमल करे और हम उनके आदर्श को आत्मसात कर सके। धन्यवाद ज्ञापन सोनू कुमार साव के किया। अन्य वक्ताओं ने कहा कि नेताजी का एक मशहूर नारा था तूम मुझे खुन दो मैं तुम्हे आजादी दूंगा। मतलब आप अपने पथ पर संघर्ष करें। परिणाम सुखद होगा। हम बेहतर समाज निर्माण कर उनको विनम्र श्रद्धांजली दे सकते है। आज के समय में शिक्षा और स्वास्थ्य पर भी चर्चा की आवश्यकता है। गोष्ठी में विनय कुमार सिन्हा, संजय कुमार रवि, शशिभूषण गिरि, केदारनाथ ¨सह, रामराज ¨सह, अजय कुमार, सूरज नाथ पांडेय, अनिता मिश्रा, शशिकला कुमारी, रंजय कुमार आदि ने विचार व्यक्त किया।


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