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मेरे खून की हर बूंद तेरा कर्ज है हुसैन अलैहिस्सलाम

हुसैनाबाद हैदरनगर आठवी मुहर्रम को शिया समुदाय के लोगों ने हजरत अब्बास (अ0) बने अली(अ0) की शहादत को याद किया और उनका गम मनाया। हैदरनगर में मजलिस के बाद अलम के साथ जुलुस निकाला।

By JagranEdited By: Published: Mon, 09 Sep 2019 06:42 PM (IST)Updated: Mon, 09 Sep 2019 06:42 PM (IST)
मेरे खून की हर बूंद तेरा कर्ज है हुसैन अलैहिस्सलाम
मेरे खून की हर बूंद तेरा कर्ज है हुसैन अलैहिस्सलाम

संवाद सूत्र, हुसैनाबाद : हैदरनगर में 8वीं मोहर्रम को शिया समुदाय के लोगों ने हजरत अब्बास इबने अली(अ़) की शहादत को याद किया। उनका गम मनाया। हैदरनगर में मजलिस के बाद अलम के साथ जुलूस निकाला। जुलूस में बच्चे, युवा व बुजुर्ग जंजीरी मातम करते हुए भाई बिगहा चौक, रेलवे गुमटी, बाजार चौक होते हुए बभंडीह स्थित इमामबारगाह में मजलिस की शिरनी बांटी। जुलूस में बच्चे, नवजवानों ने या हसैन, या अब्बास की सदा लगा रहें थे। कह रहे थे मेरे खून की हर बूंद तेरा कर्ज है हुसैन अलैहिस्सलाम। जंजीरी मातम कर रहें लोगों ने बताया कि उनके शरीर को ये जख्म किसी दवा के बगैर ही भर जाता है। ये हमारा मानना है कि अगर हम कर्बला (इराक) में होते तो हजरत इमाम हुसैन (अ) की शहादत न होने देते और अपनी जान की कुर्बानी दे देते। उन्होंने कहा कि पर ऐसा हो न सका। हम इसी को याद कर नामे हुसैन पर अपना खून बहाते है। जुलूस का नेतृत्व सैयद अय्यूब हुसैन ने किया। इस ²श्य को देखने पलामू के कोने कोने के अलावा बिहार के सीमावर्ती इलाके से भी लोग पहुंचे थे। इस समुदाय के लोग मोहर्रम की दसवीं को ब्लैड मातम भी करेंगे। जंजीरी मातम कर शिया समुदाय के बच्चे, युवा व बुजुर्ग अपने शरीर को लहु लुहान कर लिया। इस मौके पर दो लोग जंजीरी मातम करते गंभीर भी हो गए। इनका इलाज स्थानीय चिकित्सकों ने किया।

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