हंगामेदार रही एनपीयू सीनेट की पहली बैठक
मेदिनीनगर : 17 जनवरी 2009 को नीलांबर पीतांबर विश्वविद्यालय की स्थापना हुई थी। स्थापना के आठ वर्ष
मेदिनीनगर : 17 जनवरी 2009 को नीलांबर पीतांबर विश्वविद्यालय की स्थापना हुई थी। स्थापना के आठ वर्ष गुजरने के बाद पहली बार शनिवार को लातेहार जिले के बेतला नेशनल पार्क में आयोजित सीनेट की बैठक हंगामेदार रही। इसकी अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. सत्येंद्र नारायण ¨सह व संचालन कुलसचिव डॉ. राकेश कुमार ने किया। छह विधायक समेत 62 सदस्यों को सीनेट की बैठक में शामिल होने के लिए आमंत्रण दिया गया था। इसके बावजूद महज दो विधायक के अलावा 41 लोग ही शामिल हो सके।
बैठक के शुरू होते विधायक राधाकृष्ण किशोर व अन्य लोगों ने सीनेट कराने के लिए कुलपति को बधाई दी। बैठक की कार्यवाही शुरू होते हंगामे का दौर शुरू हुआ। वित्तीय वर्ष 2008-09 से लेकर वर्तमान वित्तीय वर्ष तक के रसीद समेत अन्य भुगतान व आय-व्यय के बजट को घटनोत्तर स्वीकृति देने पर चर्चा शुरू हुई। हालांकि इसके विरोध में विधायक राधाकृष्ण किशोर, विधायक कुशवाहा शिवपूजन मेहता, पूर्व जिप उपाध्यक्ष विनोद ¨सह समेत छह सदस्य आवाज बुलंद करने लगे। आरोप था कि आखिर बिना जाने-समझे कैसे रसीद भुगतान समेत अन्य आय-व्यय के लेखा-जोखा को घटनोत्तर स्वीकृति दी जा सकती है। विश्वविद्यालय के बजट को लेकर सर्वाधिक हंगामा हुआ। सीनेट के कई सदस्यों ने वित्तीय अनियमितता के आरोप लगाए।
बैठक में एनपीयू के पूर्व कुलपति डॉ. फिरोज अहमद, डॉ. सलील राय समेत प्रतिकुलपति डॉ. विजय ¨सह, डॉ. एसपी सिन्हा, डॉ. आरआर किशोर, डा केपी ¨सह, डॉ. महेंद्र राम, डॉ. सत्य प्रकाश चौधरी, डॉ. कामेश्वर ¨सह, डा रामानुज प्रसाद शर्मा, डा सुनील कुमा ¨सह, लक्ष्मी नारायण मिश्रा, जीएलए कॉलेज के प्राचार्य डा आइजे खलखो, जेएस कॉलेज के प्राचार्य डा आरपी ¨सह, वाइएसएनएम कॉलेज की प्राचार्या डा मोहिनी गुप्ता, एसएसजेएसएन कॉलेज गढ़वा के प्राचार्य डा भागवत राम यादव, डा एनके तिवारी, पूर्व जिप उपाध्यक्ष विनोद ¨सह, नीलू मिश्रा, रेणुका पांडेय, डा उमेश सहाय, मुन्ना चंद्रवंशी, डा कुमार वीरेंद्र आदि उपस्थित थे। दो सत्रों में बैठक आयोजित की गई। समाचार लिखे जाने तक बैठक जारी था।
बाक्स : विरोध में दो विधयक समेत अन्य सदस्य निकले बाहर
सीनेट की बैठक के दौरान स्थापनाकाल से अब तक के रसीद समेत अन्य भुगतान व आय-व्यय संबंधित बजट को घटनोत्तर स्वीकृति प्रदान कराने का हर संभव प्रयास किया जा रहा था। बावजूद माहौल भांपते हुए सीनेट सदस्य सह विधायक राधाकृष्ण किशोर, कुशवाहा शिवपूजन मेहता समेत छह सदस्यों ने विरोध किया। बात बढ़ने लगी। प्रतिकुलपति ने वो¨टग के जरिए बजट पारित का सुझाव दिया। हालांकि बाहर से महज छह लोग ही थे। ऐसी स्थिति में एनपीयू को बहुमत मिलना संभव था। लोगों ने हाथ उठाकर वो¨टग भी किया। इससे नाराज छह सदस्य हॉल से बाहर निकल आए। हालांकि बाद में कुलपति व अन्य लोगों ने मान-मनव्वल कर लोगों को बैठक में शरीक कराया।
बाक्स : सदस्यों को बैठक में मिला 584 पृष्ठों का एजेंडा
मेदिनीनगर : सीनेट की बैठक शुरू होने के बाद सदस्यों को एजेंडा उपलब्ध कराया गया। यह एजेंडा 584 पृष्ठों का है। इस पर सदस्यों ने नाराजगी जाहिर की। कहा गया है कि अगर यह एजेंडा पूर्व में उपलब्ध कराया जाता तो इसपर स्टडी कर सकते थे। हालांकि कुलपति ने आश्वस्त किया कि अगली बैठकों से ऐसा नहीं होगा। बैठक के पूर्व ही सदस्यों को एजेंडा उपलब्ध करा दिया जाएगा।
बाक्स : कॉलेजों की नहीं होती है ऑडिट
मेदिनीनगर : एनपीयू समेत अंगीभूत इकाइयों में वित्तीय अनियमितता का मामला चर्चा में रहा। एनपीयू की अंगीभूत इकाइयों में योध ¨सह नामधारी महिला महाविद्यालय, गणेश लाल अग्रवाल महाविद्यालय, जनता शिवरात्रि महाविद्यालय व गढ़वा एसएसजेएसएन महाविद्यालय का नाम शामिल है। विधायक राधाकृष्ण किशोर ने बताया कि अंगीभूत महाविद्यालयों की ऑडिट तक नहीं कराई जाती। दलील दी जाती है कि ऐसी परंपरा भी कभी नहीं रही है। इसलिए आडिट नहीं कराया जा सका।
बाक्स..2018-19 के प्रस्तावित बजट पर मुहर
मेदिनीनगर : वर्तमान वित्तीय वर्ष 2017-18 के अनुमोनित बजट और आगामी वित्तीय वर्ष 2018-19 के प्रस्तावित बजट पर चर्चाएं हुईं। अधिकतर सदस्यों की सहमति के बाद आगामी वित्तीय वर्ष के प्रस्तावित बजट पर मुहर लगा दी गई। हालांकि वर्तमान वित्तीय वर्ष के अनुमानित बजट पर काफी देर तक चर्चाएं हुईं। जानने-समझने के लिए सदस्यों को काफी वक्त भी दिया गया। इस विषय पर विधायक राधाकृष्ण किशोर ने बताया कि वित्तीय मामला छोड़ अन्य विषयों को छात्रहित का ख्याल रखते हुए घटनोत्तर स्वीकृति प्रदान कर दी गई है।
बाक्स : वर्तमान व आगामी वर्ष का बजट पास : कुलपति
मेदिनीनगर : सीनेट की बैठक दो सत्रों में चली। पहले सत्र के बाद कुलपति ने संवाददाताओं से बातचीत की। उन्होंने बताया कि एनपीयू के स्थापना से अब तक संपन्न हुई ¨सडिकेट की बैठक में लिए गए निर्णयों पारित करने से साफ इंकार कर दिया गया है। वित्तीय मामला 2008-09 से लेकर 2016-17 तक के बजट को अनुमोदित करने से भी इंकार कर दिया गया है। आय-व्यय का वास्तविक ब्यौरा पर चर्चा किया जाएगा। वित्तीय वर्ष 2017-18 का वर्तमान बजट और 2018-19 के अनुमोनित बजट को पारित कर दिया गया है। स्थापना से लेकर अब तक विश्वविद्यालय के अधीन यूजी, पीजी, इंजीनिय¨रग, लॉ आदि क्षेत्र के तमाम फैकेल्टीज को पारित कर दिया गया है। बताया कि बैठक में छात्र संघ चुनाव पर चर्चाएं की जाएंगी।
बाक्स : एजी पर उठा है सवाल तो कैसे दें घटनोत्तर स्वीकृति : किशोर
मेदिनीनगर : वित्तीय वर्ष 2008-09 से 2015-16 तक के अनुमानित रसीद व अन्य भुगतान को घटनोत्तर स्वीकृति प्रदान करने पर बातचीत चल रही थी। कई बजट पर तो एजी का सवाल उठ चुका है। आपत्ति भी आ चुकी है। ऐसी स्थिति में कैसे घटनोत्तर स्वीकृति प्रदान कर सकते हैं। उक्त बातें सीनेट सदस्य सह विधायक राधाकृष्ण किशोर ने कही। बैठक के पहले सत्र समाप्त होने के बाद वे संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने बताया कि सभी वित्तीय वर्ष का बजट सीनेट से पारित कराना जरूरी होता है। बावजूद सीनेट से पारित कराए बिना ही काम अब तक चलता रहा है। उन्होंने बताया कि अंगीभूत चारों कॉलेज समेत स्नातकोत्तर विभाग के कंटीजेंसी मद में उम्मीद से अधिक राशि का बजट रखा जा रहा है। वर्ष 2016-17 में 2.46 करोड़ बजट था। हालांकि 2017-18 में यह बढ़कर 6.19 करोड़ हो गया। आगामी वर्ष 2018-19 के लिए 7.50 करोड़ का बजट पेश किया गया था। इसे पास नहीं किया गया है।