शहीद यमुना प्रसाद का शव गांव पहुंचते ही मचा चीत्कार
लोहरदगा लातेहार सीमा पर लुकुईया गांव के पास शुक्रवार की देर शाम हुए पुलिस माओवादी मुठभेड़ में लेस्लीगंज के नावाडीह तेनार ग्राम निवासी होमगार्ड यमुना प्रसाद शहीद हुए थे।
संवाद सूत्र, लेस्लीगंज : लोहरदगा-लातेहार सीमा पर लुकुइया गांव के पास शुक्रवार की देर शाम नक्सली हमले में शहीद हुए पलामू के लेस्लीगंज के नावाडीह तेनार गांव निवासी होमगार्ड यमुना प्रसाद का शव शनिवार को बारह बजे लेस्लीगंज थाना को सौंप दिया गया। यहां थाना प्रभारी वीरेन मिज ने शहीद यमुना प्रसाद के पार्थिव शरीर को उनके परिजन को घर जाकर सौंपा। शव पहुंचते ही परिजनों में चीत्कार मच गया। लेस्लीगंज का नावाडीह तेनार गांव सहित आस-पास का गांव मातमी माहौल छा गया। शव का अंतिम दर्शन करने काफी संख्या में लोग एकत्र हो गए। दोनों बेटा व बेटी पार्थिव शरीर को पकड़कर रो रहे थे। होमगार्ड के जवान के पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार के लिए ले गए। मौके पर पांकी विधायक देवेंद्र कुमार सिंह के चाचा उदय सिंह, प्रमुख रमेश राम, कांग्रेस कमेटी के जिला उपाध्यक्ष तारकेश्वर पासवान, कलाम आजाद अजीत सिंह सहित बडी संख्या लोग शव के अंतिम दर्शन के साथ साथ अंतिम संस्कार में भी शामिल हुए। बाक्स: 2005 से ही होमगार्ड में काम कर रहे थे यमुना प्रसाद
शहीद होमगार्ड जवान यमुना प्रसाद वर्ष 2005 से ही लातेहार जिला में कार्यरत थे। लातेहार में यमुना प्रसाद डीएसपी के गाड़ी चालक थे। 4 वर्ष पूर्व उन्हें लातेहार थाना से चंदवा थाना भेज दिया गया। चंदवा थाना में भी वे गाड़ी चालक का काम करते थे। इधर कुछ दिनों से पीसीआर गाड़ी का चालक का काम किया करते थे। चुनाव के मद्देनजर विशेष पेट्रोलिग चलाई जा रही थी। पेट्रोलिग करते हुए हाईवे पेट्रोल गाड़ी को लेकर वे लुकुईया गांव के करीब पहुंचे थे।