राष्ट्रीय लोक अदालत में 716 मामलों का निपटारा
मेदिनीनगर : राष्ट्रीय लोक अदालत में मामले निस्तारण से वैमनस्यता सदा सर्वदा के लिए समाप्त हो जाती है।
मेदिनीनगर : राष्ट्रीय लोक अदालत में मामले निस्तारण से वैमनस्यता सदा सर्वदा के लिए समाप्त हो जाती है। लोक अदालत सुलभ न्याय का सर्वोत्तम माध्यम है। उक्त बातें पलामू के प्रधान जिला व सत्र न्यायाधीश विजय कुमार ने कहीं। इसके पूर्व दीप प्रज्ज्वलित कर उन्होंने राष्ट्रीय लोक अदालत का उद्घाटन किया। कहा कि अदालती कार्रवाई में काफी समय लग जाता है। परंतु लोक अदालत में त्वरित सुलभ न्याय मिल जाता है। प्राधिकार के सचिव प्रफुल्ल कुमार ने कहा कि लोक अदालत में मामले निस्तारण से कोर्ट फी वापस पाने का भी प्रावधान है। लोक अदालत में किसी पक्ष की हार जीत नहीं होती। दोनों पक्ष आपसी रजामंदी से मामले निस्तारण कराते हैं। अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष गिरिजा प्रसाद ¨सह ने कहा कि सुलह समझौता पूर्व से होता आया है। वैकल्पिक विवाद निपटारे का सशक्त मंच लोक अदालत है। कहा कि लोक अदालत में वर्षों पुरानी दुश्मनी चंद मिनटों में समाप्त हो जाती है। लोक अदालत में रूठे लोग गले मिलकर घर वापस जाते हैं। राष्ट्रीय लोक अदालत में 716 मामले का निपटारा किया गया। इसमें एक करोड़ 61 लाख 3 हजार 366 रूपए का मामला शेटल्ड हुआ। 64 लाख 64 हजार 195 रूपया राजस्व की प्राप्ति हुई। कोर्ट में लंबित 375 मामले व प्रीलिटिगेशन के 341 मामले का निपटारा किया गया। विभिन्न बैंकों के मामले में एक करोड़ 49 लाख 74 हजार 860 रुपये का मामला शेटल्ड हुआ। बीएसएनएल के 48 हजार 800 रुपये का मामला निपटा। उत्पाद विभाग को 54 हजार 250 रुपये राजस्व प्राप्त हुआ। पानी बिल के रूप में 16 हजार रूपए राजस्व प्राप्त हुआ। विद्युत विभाग को 40 हजार रुपये राजस्व प्राप्त हुआ। एमएसीटी के तहत एक मामले में नौ लाख 47 हजार 356 रुपये का मामला सेटल हुआ। रेलवे के तीन मामले में 600 रुपये राजस्व प्राप्त हुआ। वन विभाग के दो मामले में 21 हजार 500 रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ। मौके पर डीजे पंकज कुमार, शत्रुंजय कुमार ¨सह, मनीष रंजन, आनंद प्रकाश, संजय कुमार चौधरी, अशोक कुमार, रोहित कुमार, विक्रांत रंजन, सफदर अली नैयर, दीपक कुमार, महासचिव सुबोध कुमार सिन्हा, महेंद्र तिवारी, राजेश्वर पांडेय, वीणा मिश्रा, आनंद शंकर, मणिशंकर चतुर्वेदी, वीरेंद्र मिश्रा आदि मौजूद थे।