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पाटन व नावा जयपुर को लेस्लीगंज पुलिस अनुमंडल में रखना अव्यवहारिक

मेदिनीनगर : झारखंड विधानसभा में सत्तारूढ़ दल के मुख्य सचेतक व छतरपुर विधायक राधाकृष्ण किशोर ने नवगठि

By JagranEdited By: Published: Tue, 11 Sep 2018 10:04 PM (IST)Updated: Tue, 11 Sep 2018 10:04 PM (IST)
पाटन व नावा जयपुर को लेस्लीगंज पुलिस अनुमंडल में रखना अव्यवहारिक
पाटन व नावा जयपुर को लेस्लीगंज पुलिस अनुमंडल में रखना अव्यवहारिक

मेदिनीनगर : झारखंड विधानसभा में सत्तारूढ़ दल के मुख्य सचेतक व छतरपुर विधायक राधाकृष्ण किशोर ने नवगठित लेस्लीगंज पुलिस अनुमंडल में पाटन व नावाजयपुर थाना को शामिल किए जाने का विरोध किया है। उन्होंने गृह विभाग के इस निर्णय को अविवेकपूर्ण बताया है। विधायक राधाकृष्ण मंगलवार को अपने आवास पर संवाददाताओं से बात कर रहे थे।

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उन्होंने कहा है कि वे मुख्यमंत्री से मिलकर पूरे वस्तुस्थिति से अवगत कराएंगे। उन्हें पाटन व नावाजयपुर थाना को मेदिनीनगर पुलिस उपाधीक्षक के अंतर्गत रहने देने का अनुरोध करेंगे। बताया कि गृह विभाग द्वारा जारी आदेश के आलोक में गठित लेस्लीगंज पुलिस अनुमंडल में पांकी, पिपराटाड़, मनातू, तरहसी व लेस्लीगंज सहित पाटन व नावाजयपुर थाना को शामिल किया गया है। बताया कि पाटन प्रखंड मुख्यालय से मेदिनीनगर जिला मुख्यालय की दूरी 25 किलोमीटर व मेदिनीनगर से लेस्लीगंज की दूरी 16 किलोमीटर है। इस तरह से नावाजयपुर थाना से लेस्लीगंज की दूरी 57 किलोमीटर होगी, वहीं नावाजयपुर से मेदिनीनगर की दूरी 41 किलोमीटर ही है। इस पर महत्त्वपूर्ण यह है कि पाटन व नावाजयपुर से लेस्लीगंज के लिए आने-जाने का कोई सीधा रास्ता नहीं है। यहां की जनता को मेदिनीनगर होकर ही लेस्लीगंज जाना पड़ेगा। इस तरह उक्त थानों के अंतर्गत बंगलादेशी घुसपैठ, विधि व्यवस्था का संधारण, उग्रवादी व अपराधी गतिविधियों पर नियंत्रण तथा अवैध उत्खनन जैसे अपराधों की रोकथाम के लिए लेस्लीगंज एसडीपीओ से अधिक सक्षम व प्रभावी मेदिनीनगर डीएसपी होंगे। कहा कि 16 किलोमीटर की दूरी पर दो डीएसपी की पदस्थापना का कोई औचित्व नहीं है। अगर गृह विभाग और राज्य पुलिस को विधि व्यवस्था तथा उग्रवाद व अपराध नियंत्रण की अधिक ¨चता है तो पुलिस अनुमंडल का मुख्यालय लेस्लीगंज की जगह पांकी होना चाहिए था क्योंकि पांकी, चतरा और लातेहार जिला के सीमा पर उपस्थित घोर उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र है।


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