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अधिकार रक्षा में मददगार साबित होगा प्रशिक्षण : पीडीजे

झालसा के दिशा निर्देश व जिला विधिक सेवा प्राधिकार के तत्वाधान में बुधवार को केंद्रीय कारा मेदिनीनगर में तीन दिवसीय जेल पीएलबी का प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसका उद्घाटन पलामू के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश विजय कुमार ने द्वीप प्रज्वलित कर किया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 24 Apr 2019 06:09 PM (IST)Updated: Wed, 24 Apr 2019 06:09 PM (IST)
अधिकार रक्षा में मददगार साबित होगा प्रशिक्षण : पीडीजे
अधिकार रक्षा में मददगार साबित होगा प्रशिक्षण : पीडीजे

मेदिनीनगर : जिला विधिक सेवा प्राधिकार के तत्वावधान में बुधवार को स्थानीय केंद्रीय कारा में तीन दिनी जेल पीएलबी का प्रशिक्षण कार्यक्रम का आगाज हुआ। इसका उद्घाटन पलामू के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश विजय कुमार ने दीप प्रज्वलित कर किया। मौके पर प्रधान जिला जज विजय कुमार ने कहा कि अधिकार की रक्षा करने के लिए यह प्रशिक्षण कार्यक्रम मददगार साबित होगा। कहा कि विधिक सेवा प्राधिकरण लगातार प्रयासरत है कि लोगों को सुलभ न्याय मिले। मुकदमे का बोझ कम हो। कारा में सीमित लोगों के लिए भी कानून में विशेष प्रावधान किए गए हैं। उन्हें जिला विधिक सेवा प्राधिकार की ओर से मुफ्त में वकील मुहैया कराया जाता है। डालसा पैनल अधिवक्ता उपलब्ध कराकर लोगों को सुलभ न्याय दिलाने का काम कर रहा है। डालसा के पैनल अधिवक्ता काफी कुशल होते हैं । लोगों को उनपर विश्वास करना होगा। पैनल अधिवक्ता भी आपका पक्ष मजबूत तरीके से रखने में सक्षम है । यह संकोच नहीं करें कि पैसे के अभाव में उन्हें न्याय से वंचित रहना होगा। न्याय सबके लिए सुलभ व सरल मिलेगा। इसके लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकार कार्य कर रहा है । कोई भी समस्या हो तो जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के पास आप आवेदन दें। इस मौके पर पांच जेल पीएलबी को प्रशिक्षण दिया गया । प्रथम दिन सूचना के अधिकार अधिनियम 2005, वृद्ध लोगों के भरण पोषण व मेंटली इल पर्सन के बारे में लोगों को मिलने वाली सुविधा सहायता व उनके अधिकारों के बारे में जानकारी दी गई। मौके पर विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव प्रफुल्ल कुमार ने भी लोगों को कई कानूनी जानकारियां दी । सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत बताया कि इसके तहत कोई सूचना अधिकारी आवेदन लेने से इंकार करे, सूचना निर्धारित समय में नही दे या बिना उचित कारण के जानबूझकर गलत अधूरी या गुमराह करने वाली सूचना दे तो उस पर सूचना आयोग सूचना देने तक 250 रुपया प्रति दिन तक का दंड लगा सकता है। अधिक से अधिक 25 हजार रुपये तक दंड हो सकता है । इसके अलावा कोई अधिकारी नियमित रूप से सूचना देने के लिए मना करे या उसके देने के अड़ंगा डाले तो आयोग उस पर लागू होने वाले अनुशासन नियमों के अनुसार कार्रवाई करने का आदेश भी दे सकता है। कोई भी व्यक्ति लोक सूचना अधिकारी के निर्णय से संतुष्ट न हो या उसे लगे कि दी गई सूचना पर्याप्त नहीं है या उसे कोई भी जवाब न मिले तो वह अपील कर सकता है। मौके पर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी संजय कुमार चौधरी, निबंधक सफदर अली नैयर, न्यायिक दंडाधिकारी अमित गुप्ता,सतीश मुंडा, कारा अधीक्षक प्रवीण कुमार, जेलर प्रमोद कुमार, अधिवक्ता संतोष कुमार पांडेय, प्रकाश रंजन, सचिन कुमार पांडेय दीपक कुमार ,अनिल कुमार सिंह समेत दर्जनों लोग उपस्थित थे।

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