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पेयजलापूर्ति योजना में बड़े पैमाने पर अनियमितता

पलामू प्रखंड क्षेत्र में लगाए गए और आधारित जल मीनार की जांच कराई जाएगी। प्राक्कलन के अनुसार जल मीनार का निर्माण कार्य नहीं पाया गया तो नियत संगत संबंधित लोगों के ऊपर कार्रवाई भी की जाएगी। रौशन पाठक पंचायती राज प्रखंड समन्वयक विश्रामपुर पलामू। बॉक्स 14 वें वित्त मद से लगाए गए सौर ऊर्जा जल मीनार की शिकायत के बाद जांच की गई थी जिसमें अनियमितता पाई गई है। नियम संगत कार्य नहीं किए गए है। गोविद कक्षप एई पेयजल व स्वच्छता विभाग।

By JagranEdited By: Published: Mon, 02 Mar 2020 06:05 PM (IST)Updated: Mon, 02 Mar 2020 06:05 PM (IST)
पेयजलापूर्ति योजना में बड़े पैमाने पर अनियमितता
पेयजलापूर्ति योजना में बड़े पैमाने पर अनियमितता

रघुवीर पांडेय, विश्रामपुर : पलामू जिला के विश्रामपुर प्रखंड की सभी पंचायतों में लगाई गई सौर ऊर्जा पर आधारित जल मीनार में बड़े पैमाने पर अनियमितता बरती गई है। निर्माण कार्य में न तो प्राक्कलन के अनुसार कार्य हुआ और न ही तय मानक का कोई ख्याल रखा गया। स्ट्रक्चर टाटा कंपनी का गैल्वनाइज लगाया जाना है, लेकिन स्ट्रक्चर महज लोहे की पाइप में एल्युमीनियम पेंट लगाकर किया जा रहा है।

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जानकारी के अनुसार 14वें वित्त आयोग से सौर ऊर्जा आधारित जल मीनार का निर्माण कार्य पंचायत के मुखिया व पंचायत सचिव की देखरेख होना है। जिसके लिए 3 लाख 84 हजार 6 सौ 91 रुपये की मॉडल एस्टीमेट तैयार किया गया है। इसके लिए निर्माण स्थल का चयन कार्यकारिणी की बैठक में निर्णय होगा। नियमानुकूल लाभुक समिति का गठन कर उसके माध्यम से योजनाएं कराई जानी हैं। लाभुक समिति द्वारा निबंधित व कुशल आपूर्तिकर्ता से सामग्री का क्रय व अधिष्ठापन कराया जायेगा। साथ ही आपूर्तिकर्ता को भुगतान चेक के माध्यम से होगा। लेकिन कहीं भी ऐसा नहीं किया गया। इधर, नियमों को ताक पर रख पंचायत की मुखिया व सचिव गठित लाभुक समिति को भुगतान न कर सीधे आपूर्तिकर्ता को चेक के माध्यम से भुगतान कर रहे हैं। जल मीनार का निर्माण कार्य मॉडल एस्टीमेट के अनुसार नहीं कराया गया। जलमीनार के लिए सोलर पंप सेंसर युक्त लगाया जाना है, जो स्वचालित बंद हो। लेकिन सेंसर युक्त पंपिग सेट कहीं भी नहीं लगाये गये। इतना हीं नहीं स्टेजिग फाउंडेशन के लिए डेढ़ मीटर की गहराई निर्धारित है जिसके लिए 27 हजार तीन सौ 94 रुपये एस्टीमेट में है, लेकिन फाउंडेशन महज डेढ़ फिट की गई है।

जल मीनार की आसपास 5 बाइ 6 फिट का प्लेटफार्म भी बनाया जाना है। इसके लिए 3:50 फीट हाइट ईंट का मेसोनरी पोस्ट तैयार करना है। जिसके चारों ओर नल लगाये जाने हैं। लेकिन ऐसा कहीं भी नहीं किया गया है। साथ हीं अधिष्ठापित जलमीनार की 5 सालों तक देखरेख व मेंटेनेंस के लिए 64 हजार 3 सौ 83 रूपये एस्टीमेट में ही शामिल है।

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बाक्स : जलमीनार लगाने में बड़े पैमाने पर अनियमितता बरती गई है। जिसकी शिकायत भी सम-समय पर की जाती रही है। जिला के द्वारा एक टीम गठित कर जांच भी की गई। लेकिन शिकायत की परवाह न करते हुए पंचायतों में धड़ल्ले से जलमीनार लगाई जा रही है। एक बार फिर जांच व कार्रवाई के लिए पलामू उपायुक्त से मिलकर शिकायत की जाएगी।

विजय रविदास, जिप सदस्य, विश्रामपुर। बॉक्स : प्रखंड क्षेत्र में लगाई गई सौर्य ऊर्जा आधारित जल मीनार की जांच कराई जाएगी। प्राक्कलन के अनुसार जल मीनार का निर्माण कार्य नहीं हुआ होगा तो नियम संगत संबंधित लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

रौशन पाठक, पंचायती राज प्रखंड समन्वयक, विश्रामपुर, पलामू।

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बॉक्स :  14 वें वित्त मद से सौर ऊर्जा जल मीनार की शिकायत के बाद जांच की गई थी। इसमें अनियमितता पाई गई है। नियम संगत कार्य नहीं किए गए हैं।

गोविद कक्षप, सहायक अभियंता, पेयजल व स्वच्छता विभाग,मेदिनीनगर,पलामू।


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