एवीआइ चिटफंड चेयरमैन के घर सीबीआइ का छापा
पलामू के छोटे-छोटे दुकानदार मध्यवर्गीय व गरीब परिवारों का पैसा लेकर फरार होने वाले एवीआई सेविग्स कापरेटिव सोसायटी के चेयरमैन भगवान सिंह नामधारी के बेलवाटिका स्थित घर पर गुरूवार को सीबीआई की रांची टीम ने छापेमारी की है। उस वक्त बंद पड़े घर में कोई नहीं था। सीबीआई की दस सदस्यीय टीम सुबह 10 बजे से घर के हर कमरे के तलाशी में जुटी है। जानकारी के अनुसार सीबीआई टीम को घर पर भारी संख्या में ग्राहकों का पासबुक ननबैंकिग से जुड़े कागजात व कंम्यूटर मिला है। बता दे कि इसके पूर्व लगातार दो वर्षों तक सीबीआई की टीम ने स्थानीय परिसदन कई दिनों तक विशेष कैंप लगाक
संवाद सहयोगी, मेदिनीनगर: पलामू के छोटे-छोटे दुकानदार, मध्यवर्गीय व गरीब परिवारों का पैसा लेकर फरार होने वाले एवीआइ सेविग्स कापरेटिव सोसायटी के चेयरमैन भगवान सिंह नामधारी के बेलवाटिका स्थित घर पर गुरुवार को सीबीआइ छापा मारा। उस समय बंद पड़े घर में कोई नहीं था। रांची से आई सीबीआइ की दस सदस्यीय टीम सुबह 10 बजे से घर के हर कमरे के तलाशी में जुटी है। जानकारी के अनुसार सीबीआइ टीम को घर में भारी संख्या में ग्राहकों का पासबुक, ननबैंकिग से जुड़े कागजात व कंप्यूटर मिला है। गत दो वर्ष में कई दिनों तक सीबीआइ की टीम ने स्थानीय परिसदन में विशेष कैंप लगाकर ग्राहक व एजेंटों से बकाया रकम की जानकारी ली थी।
सीबीआइ अधिकारियों का कहना है कि ग्राहकों के क्लेम व कागजातों के मिलान के बाद ही वास्तविक राशि की जानकारी दी जा सकती है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार चिट फंड कंपनी एवीआइ पर पलामू के लोगों का 45 करोड़ रुपये बकाया है। इस मामले में फरार भगवान सिंह नामधारी के खिलाफ पहले से ही मामला दर्ज है। बताया जाता है रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा ननबैंकिग के कारोबार पर रोक लगाने के बाद पलामू में ननबैंकिग के धंधे में जुटी कई कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की गई थी। 2013 में सील की गई थी ऑफिस अक्टूबर 2013 में मुख्य बाजार के पंच मुहान स्थित एचएस पैलेस में संचालित एवीआइ ननबैंकिग को भी सील कर दिया गया था। वर्तमान डीसी डॉ. शांतनु कुमार अग्रहरि उस वक्त प्रशिक्षु आईएस के तौर पर पदास्थापित थे। कारवाई के बाद एवीआइ ने कुछ ग्राहकों को पैसा भी वापस किया था। इस बीच अचानक भगवान सिंह नामधारी शहर छोड़ कर भाग निकला। स्थानीय ग्राहकों व एजेंटो ने वर्ष 2013 में शहर थाना में मामला दर्ज कराया था। बाद में हाईकोर्ट के हस्तक्षेप पर मामले को सीबीआइ को सुपुर्द किया गया।