भगवान कृष्ण ने गोपियों से संग रचाई रास
लेस्लीगंज लेस्लीगंज में चल रहे श्रीरामचरितमानस नवाह्न पारायण पाठ महायज्ञ के छठे दिन श्रीमछ्वागवत कथा के दौरान भगवान श्री कृष्ण के रास रंग एवं कंस वध का वर्णन किया गया। कथा श्रीधाम वृंदावन से पधारे व्यास अनुराग कृष्णजी महाराज ने सुनाई। उन्होंने बताया कि जब जब धरती पर अत्याचार बढा है तब तब अत्याचारी और पापियों का नाश करने के लिए भगवान ने अवतार लिया है।
लेस्लीगंज : लेस्लीगंज में चल रहे रामचरित मानस नवाह्न पारायण पाठ महायज्ञ के छठे दिन श्रीमछ्वागवत कथा के दौरान भगवान श्री कृष्ण के रास रंग एवं कंस वध का वर्णन किया गया। कथा व्यास अनुराग कृष्णजी महाराज ने सुनाई। उन्होंने बताया कि जब जब धरती पर अत्याचार ़बढ़ा है तब तब अत्याचारी और पापियों का नाश करने के लिए भगवान ने अवतार लिया है। कंस यह जानता था कि देवकी का आठवां पुत्र ही उसका संहारक होगा। लाख चाहने के बाद भी कंस ने देवकी के आठवें पुत्र जो भगवान के रूप में धरती पर अवतार लिए थे उनका कुछ बिगाड़ नहीं सका। और समय आने पर भगवान ने पापाचारी, दुराचारी और अत्याचारी कंस का संहार किया। कथा प्रसंग को आकर्षक झांकियों के साथ दर्शाया गया। झांकी में कभी भगवान कृष्ण गोपियों के संग रास रचाते नजर आए, तो कभी पापाचारी कंस को वध करते हुए। लोगों ने भगवान का वह रूप देखा। जिसे देख लोग काफी प्रभावित हुए। वहीं कथा के अंत में ये भागवत भगवान की है आरती पापियों के पाप को है तारती के आरती पर लोग झूम उठे।