फ्लोराइडयुक्त पानी के पीने से 35 साल में ही बूढ़े हो रहे ग्रामीण
पलामू जिला मुख्यालय से मात्र 10 किलोमीटर दूरी पर बसा चुकरु गांव आज भी मूलभूत सुविधा से वंचित है।
मेदिनीनगर : पलामू जिला मुख्यालय से 10 किलोमीटर दूर सदर प्रखंड के चुकरु गांव का मानवाधिकार टीम ने रविवार को दौरा किया। टीम के सदस्यों ने गांव में फ्लोराइड से ग्रसित लोगों से मिलकर मामले की जानकारी ली। फ्लोराइड पानी से ग्रसित अनिता कुंवर ने बताया कि गांव के अधिकांश लोग फ्लोराइड बीमारी से ग्रसित हैं। उनके पति की मौत इसी बीमारी से हो गई है। एक मासूम बच्चा है। इसके भरण पोषण की चिंता सता रही है। सरकार द्वारा उन्हें पेंशन आदि का कोई लाभ नहीं मिल रहा है।
पूर्व जिप सदस्य अर्जुन कुमार ने बताया कि गांव के अधिकांश लोग ग्रसित है। चुकरु गांव के लोग पानी पीने से डरते हैं। पलामू जिला मुख्यालय से मात्र 10 किलोमीटर दूरी पर बसा चुकरु गांव आज भी मूलभूत सुविधा से वंचित है। बताया कि यहां कोई चलने से लाचार है तो कोई बैठ जाए तो सहारे के बिना नहीं उठ सकता हैं। कोई चारपाई पर बैठ कर अपने बचे बाकी जीवन जी रहे हैं। यह सब यहां के पानी के कारण ऐसा हो रहा है। यहां के पानी में फ्लोराइड की मात्रा दो पीपीएम से भी ज्यादा है। फ्लोराइडयुक्त पानी पीने से लोग पानी से ग्रसित हो रहे हैं। फ्लोराइड पानी पीने से पहले दांत पीले पड़ जाते है। फिर दिव्यांगता बना देता है। लोगों की माने तो यहां के लोग 35 साल में ही बूढ़े हो जाते हैं। सबसे अहम बात है कि जिला मुख्यालय से 10 किलोमीटर दूर गांव होने के बाद भी कई प्रयास के दावे हुए पर धरातल पर नहीं उतरता है।
1995 में बिहार सरकार ने चुकरु जलाशय योजना के तहत काम शुरू हुआ था। काम आधा अधूरा ही किया गया। लोग को शुद्ध पानी नहीं मिला। 10 साल पूर्व गांव के लोगों को शुद्ध पानी देने के लिए कोयल नदी से पाइप लाइन के द्वारा पानी सफ्लायर तो किया गया। मगर कभी कभार ही पानी लोगों को मिल पाता है। इससे लोग गांव के लोग फ्लोराइड पानी पीने को विवश हैं। मानवाधिकार टीम के सदस्य विकास कुमार ने बताया कि गांव के अधिकांश लोग फ्लोराइड से ग्रसित है। कई लोग मौत से जूझ रहे हैं। उन्हें देखने वाला कोई नहीं है। चुकरु गांव के कुंआ,हैंडपंप से निकलने वाली पानी में फ्लोराइड की मात्रा अधिक है। यही कारण है कि गांव के लोग विकलांगता का शिकार बन रहे हैं। कहा कि मामले की शिकायत सरकार से की जाएगी। साथ ही चुकरु जलाशय योजना की मांग की जाएगी। लोगों को शुद्ध पानी मिल सके। ग्रामीणों की माने तो चुकरु गांव में लोग अपनी बहन-बेटी के ब्याह नहीं करना चाहते हैं।