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बिजली समस्या से जूझ रही जलापूर्ति योजना

पलामू बिजली विभाग के कार्यपालक अभियंता एससी मिश्रा ने कहा कि हमें नहीं लगता है कि बिजली को लेकर कहीं कोई समस्या है। अभी सभी जगह पर्याप्त मात्रा में बिजली आपूर्ति हो रही है। कनिय अभियंता से बात कर मामला का जांच कराते हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 26 May 2020 06:43 PM (IST)Updated: Wed, 27 May 2020 06:15 AM (IST)
बिजली समस्या से जूझ रही जलापूर्ति योजना
बिजली समस्या से जूझ रही जलापूर्ति योजना

राजीव रंजन, लेस्लीगंज : लेस्लीगंज का ग्रामीण पेयजलापूर्ति योजना शुरू होते ही बिजली के पचड़े में खुद प्यासा है। 23 करोड़ की लागत से तैयार यह योजना 32 गांव के 40000 लोगों को पेयजल समस्या को दूर करने वाली है। परंतु यह योजना अब खुद बिजली समस्या से जूझ रही है। नतीजा है कि लंबे इंतजार के बाद भी 32 गांव के लोगों को पाइपलाइन से  पेयजल आपूर्ति बाधित हो रही है। इसके पीछे इंटेक वेल के पास शहरी क्षेत्र के बजाय ग्रामीण क्षेत्र का बिजली आपूर्ति होना कारण बताया जा रहा है। महज 4 पोल और तार बिजली विभाग द्वारा मुहैया कराया जाए, तो लेस्लीगंज शहरी क्षेत्र के फीडर से बिजली का कनेक्शन इंटेक वेल तक हो जाएगा। परंतु पीएचइडी व बिजली विभाग का सामंजस्य होता नहीं दिख रहा है। मतलब इस गर्मी में भी ग्रामीणों को राहत मिलनेवाली नहीं है।

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ऐसे हो रहा है बिजली के कारण पानी सप्लाई बाधित ..

दरअसल लेस्लीगंज ग्रामीण पेयजल आपूर्ति योजना का इंटेक वेल जयनगर स्थित मलय नदी में बना है। जबकि वाटर ट्रीटमेंट प्लांट वहां से करीब दो किलोमीटर दूर कोर्ट खास पंचायत सचिवालय के पास बनाया गया है। जहां से पानी को शुद्ध कर धनगांव, लेस्लीगंज एवं झरना में तीन अलग-अलग जल मीनारों में पानी भेजी जाती है। इसके बाद तीनों जल मीनार से 5 पंचायत के 32 गांव में पाइप लाइन के माध्यम से घर-घर पानी सप्लाई की व्यवस्था की गई है। अब बताते चलें कि कोर्ट खास पंचायत स्थित वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का बिजली आपूर्ति लेस्लीगंज शहरी क्षेत्र से होता है। जिसमें लगभग 16 से 18 घंटे बिजली रहती है। परंतु इंटेक वेल जहां से पानी वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में लाया जाता है वहां का बिजली आपूर्ति ग्रामीण क्षेत्र के फीडर से है। जलापूर्ति योजना का काम देख रहे संतोष कुमार के अनुसार इंटेक वेल के पास कम से कम 6 घंटे लगातार बिजली मिलना जरूरी है। उसके बाद भी सुचारू रूप से तीनों जलमीनार से पानी सप्लाई किया जा सकता है।

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कैसे होगा समस्या का समाधान :

इस समस्या का समाधान बेहद आसान है। यदि बिजली विभाग का इच्छा शक्ति हो तो महज चार-पांच घंटे में ही 40000 ग्रामीणों की पेयजल समस्या दूर हो सकती है। बताते चलें कि जयनगर से सटे पथरही गांव है। जहा तक लेस्लीगंज शहरी क्षेत्र के फिडर से बिजली आपूर्ति होता है। चार से पांच पोल और तार के जरिए पथराही से जयनगर स्थित इंटेक वेल तक शहरी क्षेत्र का बिजली ले जाया जा सकता है। तब जाकर इंटेक वेल के पंप के लिए पर्याप्त मात्रा में बिजली आपूर्ति होगी। और पेयजल समस्या का समाधान होगा। लेस्लीगंज में बंद पड़ी पेयजलापूर्ति योजना को ले पेयजलापूर्ति व बिजली विभाग आमने सामने हैं।

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बाक्स: क्या कहते हैं पेयजलापूर्ति विभाग के कार्यपालक अभियंता पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के कार्यपालक अभियंता अजय कुमार सिंह ने कहा कि प्राक्कलन के अनुरूप बिजली के लिए राशि विभाग को दे दी गई हे। शुरुआत में बिजली सही थी। इधर 10 दिन पूर्व बिजली विभाग ने बिजली वितरण में बदलाव किया है। इस कारण समस्या उत्पन्न हुई है। इसकी लिखित शिकायत बिजली विभाग से की गई है।

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बाक्स: क्या कहते हैं विद्युत विभाग के कार्यपालक अभियंता बिजली विभाग के कार्यपालक अभियंता एससी मिश्रा ने कहा कि हमें नहीं लगता है कि बिजली को लेकर कहीं कोई समस्या है। अभी सभी जगह पर्याप्त मात्रा में बिजली आपूर्ति हो रही है। कनिय अभियंता से बात कर मामला का जांच कराते हैं।


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