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सड़क पर बैठकर सैकड़ों छात्रों ने की पढ़ाई

सगालीम :लचर शिक्षा व्यवस्था के खिलाफ पलामू जिले के पांकी प्रखंड के विभिन्न हाई स्कूल के विद्यार्थियों ने पांकी कर्पूरी चौक के पास सड़क पर बैठ कर पढ़ाई करते दिखे।

By JagranEdited By: Published: Mon, 05 Nov 2018 05:22 PM (IST)Updated: Mon, 05 Nov 2018 05:22 PM (IST)
सड़क पर बैठकर सैकड़ों छात्रों ने की पढ़ाई
सड़क पर बैठकर सैकड़ों छात्रों ने की पढ़ाई

सगालीम  : लचर शिक्षा व्यवस्था के खिलाफ पलामू जिले के पांकी प्रखंड के विभिन्न हाई स्कूल के विद्यार्थियों ने पांकी-कर्पूरी चौक के पास सोमवार को सड़क पर बैठ कर पढ़ाई की। सैकड़ों की संख्या में हाई स्कूल के विद्यार्थियों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। नेतृत्व ऑल इंडिया स्टूडेंट एजुकेशन आइसा ने किया। आइसा ने सैकड़ों छात्रों के साथ सड़क पर स्कूल कार्यक्रम चलाया। इसके तहत स्कूली बच्चे सड़क पर ही घंटों पढ़ाई करते नजर आए। अजय एकेडमी के अजय कुमार व राजेश कुमार प्रजापति ने छात्रों को पढ़ाया।

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आइसा के छात्र नेता त्रिलोकीनाथ ने कहा कि राइट टू एजुकेशन के तहत उच्च विद्यालयों में छात्र-शिक्षक का अनुपात 30 का होना चाहिए। पांकी के एक भी हाई स्कूल में पर्याप्त शिक्षक नहीं हैं। प्रोजेक्ट हरिवंश नारायण बालिका उच्च विद्यालय पांकी में एक हजार छात्र-छात्राओं पर सिर्फ एक शिक्षक हैं। विद्यालय में कंप्यूटर नहीं है। प्रयोगशाला नहीं है। पुस्तकालय नहीं है। यह स्थिति पांकी के लगभग सभी हाई स्कूलों में है। मैट्रिक व इंटर की परीक्षाएं अत्याधुनिक सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में ली जा रही हैं। इसका लाइव फिड रांची में बैठे पदाधिकारी भी देख सकते हैं। स्कूल में समुचित व्यवस्था नहीं के बराबर है। ऐसे में परीक्षा परिणाम बेहतर कैसे होगा। मैट्रिक की परीक्षाओं में तीन प्रायोगिक विषय हैं। इनमें किसी भी विद्यालय में प्रयोगशाला नहीं है। ऐसी स्थिति देखकर लगता है कि सरकार बिना पढ़ाए कठिन परीक्षा लेकर विद्यार्थियों का रिजल्ट खराब करना चाहती है। खराब रिजल्ट को आधार बनाकर सरकारी शिक्षा ही बंद कर देना चाहती है। 2018 में स्मार्ट क्लासेज, सर्वांगीण विकास के लिए स्पो‌र्ट्स और आ‌र्ट्स के स्पेशल क्लास, काउंस¨लग टीचर करने की बजाए हमें शिक्षक, कंप्यूटर, प्रयोगशाला जैसी मूलभूत सुविधा की मांग करनी पड़ रही है। राज्य के स्कूलों में मूलभूत सुविधाएं नहीं है। मुख्यमंत्री कहते हैं कि राज्य प्रतिभाओं कि कमी है। राज्य में प्रतिभाओं कि नहीं बेहतर सुविधाओं की कमी है। स्कूलों में शिक्षकों की कमी की वजह से छात्र पूर्णतया को¨चग पर निर्भर हैं। पिछले 3-4 वर्षों से अधिकतर छात्रों को छात्रवृति भी नहीं मिली है।

सड़क पर स्कूल कार्यक्रम में आइसा के मोनू सोनी, सुरेन्द्र गोस्वामी, कैफ, रौशन, शाहिद, इजहार अली, दिव्या भगत, अविनाश रंजन के साथ सैकड़ों छात्र छात्राएं उपस्थित थे। ये हैं मांगें

प्रदर्शन कर रहे छात्र-छात्राओं का कहना था कि उन्हें बेहतर शिक्षा मिले। ताकि वे सही तरीके से पढ़ाई कर अपना बेहतर करियर बना सके। यह तभी संभव है जब सरकार सभी सुविधा स्कूल को देंगी। हाई स्कूल में शिक्षकों की घोर कमी है। अपग्रेडेड हाई स्कूल में तो हाई स्कूल के एक भी शिक्षक नहीं है। आठवीं के शिक्षक दसवीं के विद्यार्थियों को पढ़ा रहे हैं। बच्चों की संख्या अधिक होने के कारण पढ़ाई नहीं हो पाती है। ऐसे में बेहतर रिजल्ट कैसे हो सकेगा। छात्राओं ने हाथ मे तख्तियां लिए थे। इसमें लिखा था कि 30 बच्चे पर एक शिक्षक ए बकाया छात्रवृत्ति का भुगतान, बच्चों को बेहतर शिक्षा, स्कूलों में कंप्यूटर आदि की मांग शामिल था।


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