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सिजेरियन प्रसव के लिए जाते हैं 80 किमी दूर

पलामू .जिला अस्पताल को छोड़ किसी अस्पताल में सिजेरियन प्रसव की व्यवस्था नहीं है। जिले भर में है महिला चिकित्सकों की भारी कमी कई बार हो चुका है पत्राचार फोटो 07 डालपी 13 कैप्शन पलामू मेडिकल कॉलेज अस्पताल। संवाद सहयोगी मेदिनीनगर नया भारत का सपना भले ही हरेक व्यक्ति देख रहा हो लेकिन पलामू की गर्भवती महिलाओं को स्वास्थ्य के क्षेत्र में मूलभूत सुविधाएं मुयस्सर नहीं है। स्वास्थ्य विभाग महिला चिकित्सकों की भारी कमी का मार झेल रहा है। पलामू मेडिकल कॉलेज अस्पताल को छोड़ जिले के किसी भी अस्पताल में गर्भवति महिलाओं का आपरेशन (सिजेरियन) के माध्यम से प्रसव की सुविधा नहीं है। कारण साफ है कि यहां महिला रोग विशेषज्ञों का टोटा है। हुसैनाबाद अनुमंडलीय क्षेत्र की गर्भवती महिलाओं के समक्ष अगर सिजेरियन प्रसव की स्थिति उत्पन्न हुई तो उन्हें करीब

By JagranEdited By: Published: Tue, 23 Jun 2020 07:04 PM (IST)Updated: Tue, 23 Jun 2020 07:04 PM (IST)
सिजेरियन प्रसव के लिए जाते हैं 80 किमी दूर
सिजेरियन प्रसव के लिए जाते हैं 80 किमी दूर

संवाद सहयोगी, मेदिनीनगर : पलामू मेडिकल कॉलेज अस्पताल को छोड़ जिले के किसी भी अस्पताल में गर्भवती महिलाओं का ऑपरेशन (सिजेरियन) के माध्यम से प्रसव की सुविधा नहीं है। कारण साफ है कि यहां महिला रोग विशेषज्ञों का टोटा है। हुसैनाबाद अनुमंडलीय क्षेत्र की गर्भवती महिलाओं के समक्ष अगर सिजेरियन प्रसव की स्थिति उत्पन्न हुई तो उन्हें करीब 80 किलोमीटर दूर मेदिनीनगर स्थित पीएमसीएच आना पड़ता है। हुसैनाबाद में स्वास्थ्य विभाग का अनुमंडलीय अस्पताल संचालित है। अनुमंडलीय अस्पताल में गर्भवती महिलाओं के आपरेशन (सिजेरियन) की व्यवस्था शुरू हुई थी। करीब एक वर्ष तक वहां के लोगों को सेवा मिली। वहां पदस्थापित तत्कालीन चिकित्सक डॉ. अनिल कुमार सिंह का तबादला हुआ। वे जिले के डीआरसीएचओ बने तो लंबे समय से हुसैनाबाद में सेवा ही बंद है। पलामू की आबादी 20 लाख पार कर चुकी है। बावजूद यहां के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने की बात अब भी दूर की कौड़ी साबित हो रही है। यहां के 90 प्रतिशत सरकारी अस्पताल महिला चिकित्सकों का बाट जोह रहा है। पलामू में एक सदर अस्पताल, दो अनुमंडलीय अस्पताल, 10 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, 21 प्राथमिक व 171 उप स्वास्थ्य केंद्र संचालित हैं। इन सभी अस्पतालों में चिकित्सकों की भारी कमी है। ऐसी स्थिति में पलामू ग्रामीण क्षेत्रों में मिलने वाली स्वास्थ्य सुविधाओं का सहज अंदाजा लगा सकते हैं।

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पीएमसीएच में इलाज कराने पहुंचे हैं। एक घंटा बाद दिखाने का नंबर आया। डाक्टर साहब दवा लिख दिए। सरकारी दवा वितरण केंद्र पर गए तो एक दवा मिला। वहां मौजूद कर्मचारी ने बताया कि अन्य दवा बाहर से खरीद लें। पर्ची पर लिखी दवा में से एक ही दवा यहां मौजूद है।

संजय राम, जीएलए कॉलेज रोड, मेदिनीनगर।

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पिछले कई दिनों से बुखार है। दिखाने के लिए पीएमसीएच में चिकित्सक के पास आए थे। चिकित्सक ने बताया कि दवा ले लें। सरकारी दवा दुकान गए तो अधिकांश दवा था ही नहीं। मजबूरीवश बाहर से दवा खरीदना पड़ा।

जुनैद अहमद, पहाड़ी मुहल्ला, मेदिनीनगर।

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हुसैनाबाद अनुमंडलीय अस्पताल में सिजेरियन प्रसव की व्यवस्था उपलब्ध है। कुछ वर्ष पूर्व यह सुविधा दी थी। हालांकि डा अनिल कुमार सिंह का तबादला हुआ तो सुविधा बाधित हो गई है।

डॉ. रत्नेश कुमार, उपाधीक्षक, अनुमंडलीय अस्पताल, हुसैनाबाद।

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चिकित्सकों की कमी को लेकर नियमित रूप से विभाग के साथ पत्राचार किया जाता रहा है। बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने को कटिबद्ध हैं।

डॉ. जॉन एफ केनेडी, सिविल सर्जन, पलामू।


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