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शरीरिक व मानसिक विकास में कृमि बाधक

पाकुड़ : शहर के रानी ज्योतिर्मय बालिका उच्च विद्यालय में गुरुवार को राष्ट्रीय कृमि नाशक दिव

By JagranEdited By: Published: Fri, 10 Aug 2018 09:28 AM (IST)Updated: Fri, 10 Aug 2018 09:28 AM (IST)
शरीरिक व मानसिक विकास में कृमि बाधक
शरीरिक व मानसिक विकास में कृमि बाधक

पाकुड़ : शहर के रानी ज्योतिर्मय बालिका उच्च विद्यालय में गुरुवार को राष्ट्रीय कृमि नाशक दिवस कार्यक्रम की शुरूआत हुई। इसका उद्घाटन उपायुक्त दिलीप कुमार झा, सिविल सर्जन डॉ. बी मरांडी व जिला शिक्षा पदाधिकारी रजनी देवी ने किया। उपायुक्त ने कहा कि बच्चों के शारीरिक व मानसिक विकास में कृमि बहुत बड़ा बाधक है। कृमि के कारण शरीर का विकास अवरूद्ध हो जाता है। शरीर में खून की कमी हो जाती है। पढ़ाई में मन नहीं लगता है। इससे बचने के लिए कृमि नाशक दवा साल में दो बार अवश्य लेना चाहिए।

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कहा कि स्कूली छात्राएं ब्रांड एम्बेसडर बनकर अपने-अपने घर जाकर माता-पिता तथा आसपास के लोगों व बच्चों को कृमिनाशक दवा एल्बेंडाजॉल खाने के लिए प्रेरित करें। डीसी ने छात्राओं से कहा कि निष्ठा और ईमानदारी पूर्वक शिक्षा ग्रहण करें। जिससे ज्ञान का प्रकाश बढ़े। छात्राएं अपने अधिकारों के प्रति सजग रहें। सिविल सर्जन डॉ. बी. मरांडी ने कहा कि कृमि से कई गंभीर बीमारियां होती हैं। ब्रेन में चले जाने से मिर्गी की बीमारी होती है। इसलिए कृमि की दवा एलबेंडा़जोल साल में दो बार लें। फल, सब्जी व खाना हमेशा हाथ धोकर खाए। खुले में शौच नही करें। जिले में कुल चार लाख एक हजार बच्चों को कृमिनाशक दवा खिलाने का लक्ष्य है। इस मौके पर जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ थॉमस मुर्मू, जिला कार्यक्रम प्रबंधक जया लक्ष्मी खाका, डॉ. शमरुल हक, डीएसई राजाराम साह, बीईईओ रामनरेश राम आदि मौजूद थे।


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