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आत्मनिर्भर बन रही महिलाएं, खुशहाल होगा गांव

झारखंड सरकार गांवों में खुशहाली लाने के लिए काम कर रही है। इसके लिए महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है। पहले घर में केवल पुरुष कमा करते थे अब महिलाएं भी काम कर रही हैं। इससे परिवार का आय बढ़ रहा है। ग्रामीण लोगों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार कई योजनाएं चला रही है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 20 Sep 2021 08:53 PM (IST)Updated: Mon, 20 Sep 2021 08:53 PM (IST)
आत्मनिर्भर बन रही महिलाएं, खुशहाल होगा गांव
आत्मनिर्भर बन रही महिलाएं, खुशहाल होगा गांव

जागरण संवाददाता, पाकुड़ : झारखंड सरकार गांवों में खुशहाली लाने के लिए काम कर रही है। इसके लिए महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है। पहले घर में केवल पुरुष कमा करते थे अब महिलाएं भी काम कर रही हैं। इससे परिवार का आय बढ़ रहा है। ग्रामीण लोगों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार कई योजनाएं चला रही है। कई नई योजनाओं की लांचिग भी की जा रही है। सबका मकसद लोगों को आत्मनिर्भर बनाना है। यह बातें ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने सोमवार को रवींद्र भवन में कही। वे ग्रामीण विकास विभाग की ओर से आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर मंत्री ने हुनर एवं चास-हाट योजना का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए यह पहल राज्य सरकार की है। जिले के 128 पंचायतों के एक-एक समूह के दीदीयों को सिलाई मशीन दी जाएगी। सखी मंडल के दीदीयां सिलाई कर आजीविका को बढ़ाएंगी। कहा कि बहुत सारी योजनाएं दीदीयों के लिए चलाई जा रही है।

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दो योजनाओं का हुआ शुभारंभ

उपायुक्त वरुण रंजन ने कहा कि दो प्रमुख परियोजना का शुभारंभ किया गया है। हुनर परियोजना के तहत जिले के सभी 128 पंचायतों में एक-एक समूह दीदीयों को सिलाई मशीन दी जाएगी। इस मशीन की मदद से वे सिलाई दुकान खोलकर स्वरोजगार करेंगी। वहीं चास-हाट योजना का शुभारंभ किया गया है। इसमें जिले में 8000 किसानों को चिह्नित किया गया है। 8000 किसानों को आधुनिक खेती से जोड़ा जाएगा। यह परियोजना एक आकांक्षी योजना है। हमारे यहां के किसान काफी संख्या में कृषि पर निर्भर हैं। हमारे जिला के ग्रामीण बड़े पैमाने पर कृषि आधारित कार्य करते हैं। जिनसे उनका जीविकोपार्जन होता है। राज्य सरकार के द्वारा किसानों की आय दुगनी करने के उद्देश्य से विभिन्न योजनाओं का संचालन कर रही है

परिसंपत्ति का हुआ वितरण

फूलो झानो आशीर्वाद योजना के तहत दो महिलाओं को 10 हजार की सहायता उपलब्ध कराई गई। वहीं बेकरी उद्योग के माध्यम से स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए बलियाडंगाल के एक समूह को 40 हजार का लोन दिया गया। एसबीआइ की ओर से सखी मंडल की दीदीयों को एक करोड़ रुपये का लोन मुहैया कराया गया। 256 समूहों को चक्रिय नीति के तहत 15-15 हजार रुपये का वितरण समूहों के बीच किया गया। कार्यक्रम में जेएसएलपीएस, जिला समाज कल्याण, सामाजिक सुरक्षा, समेकित जनजाति विकास अभिकरण, जिला ग्रामीण विकास अभिकरण, अनुमंडल कार्यालय, श्रम विभाग एवं कृषि विभाग के द्वारा लाभुकों के बीच परिसंपत्तियों का वितरण किया गया। इस मौके पर उप विकास आयुक्त अनमोल कुमार सिंह, आइटीडीए निदेशक शाहिद अख्तर, अपर समाहर्ता मंजू रानी, अनुमंडल पदाधिकारी पंकज कुमार, सांसद प्रतिनिधि श्याम यादव, कांग्रेस जिला अध्यक्ष उदय लखमानी, जेएसएलपीएस डीपीएम प्रवीण मिश्रा सहित बड़ी संख्या में सखी दीदीयां उपस्थित थीं।


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