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जल को तरस रही जलमीनार, सोलर सिस्टम की आस

लिट्टीपाड़ा (पाकुड़) प्रखंड के पहाड़िया बाहुल्य गांव तेलोपाड़ा में पेयजल एवं स्वच्छता विभाग ने जलमीनार बनाई जो शो पीस बनी है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Jun 2018 10:22 AM (IST)Updated: Tue, 19 Jun 2018 10:22 AM (IST)
जल को तरस रही जलमीनार, सोलर सिस्टम की आस
जल को तरस रही जलमीनार, सोलर सिस्टम की आस

लिट्टीपाड़ा (पाकुड़) प्रखंड के पहाड़िया बाहुल्य गांव तेलोपाड़ा में पेयजल एवं स्वच्छता विभाग (पीएचईडी) ने दो वर्ष पूर्व 17 लाख की लागत से जल मीनार का निर्माण कराया था। बावजूद इस जलमीनार से एक बूंद पानी भी यहां के ग्रामीणों को नहीं मिल सका है। क्योंकि सोलर सिस्टम के माध्यम से यहां से पानी की आपूर्ति होनी थी। जो रकम के अभाव में नहीं लग सका है।

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वन बन्धु कल्याण योजना के तहत लघु ग्रामीण पेयजल जलापूíत योजना के तहत इस मीनार का निर्माण लगभग 17 लाख की रकम से पेयजल और स्वच्छता विभाग ने कराया। गांव के प्रधान बाघा पहड़िया व ग्रामीण रावते पहड़िया ने बताया कि जलमीनार का निर्माण व घर घर में पेयजल सप्लाई के लिए पाइप बिछाया गया। रख रखाव व देख रेख के अभाव में पाइप भी उखड़ने लगा है । दरअसल यहां मीनार तो बनी पर सोलर सिस्टम नहीं लगाया गया। इसलिए जलमीनार आज भी सूखी है। बताया कि सरकार द्वारा सारी व्यवस्था दिए जाने के बाबजूद विभागीय लापरवाही की वजह से हम पहड़िया समुदाय के लोग एक एक बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं। यहां के 90 परिवार विद्यालय के एक चापाकल के भरोसे ¨जदा हैं। यही स्थिति बीचामहल में निíमत जलमीनार की है। प्रखंड बीस सूत्री उपाध्यक्ष सुनील ठाकुर ने बताया कि दो वर्ष पूर्व जलमीनार सोलर सिस्टम के अभाव में चालू नहीं हो सकी। एक विभागीय अधिकारी ने बताया कि राशि के अभाव में सोलर सिस्टम नहीं लग सका है। राशि आवंटन प्राप्त होते ही सोलर सिस्टम लगाकर जलमीनार से पानी दिया जाएगा।


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