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लिट्टीपाड़ा में आज मतदान, सबने लगाया दम

लिट्टीपाड़ा उपचुनाव का परिणाम रविवार को ईवीएम मशीन में कैद हो जाएगा। मतगणना 13 अप्रैल को होगी।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sun, 09 Apr 2017 06:15 AM (IST)Updated: Sun, 09 Apr 2017 06:32 AM (IST)
लिट्टीपाड़ा में आज मतदान, सबने लगाया दम
लिट्टीपाड़ा में आज मतदान, सबने लगाया दम

प्रदीप सिंह, लिट्टीपाड़ा (पाकुड़)। लिट्टीपाड़ा उपचुनाव का परिणाम रविवार को ईवीएम मशीन में कैद हो जाएगा। मतगणना 13 अप्रैल को होगी और तबतक राजनीतिक दलों के नेता तो पसोपेश में रहेंगे लेकिन यहां के मतदाता भ्रम में नहीं हैं। उन्होंने मन बना लिया है कि अपना वोट किसे देना है और इसके लिए उनके अपने तर्क भी हैं जो उनकी राजनीतिक समझदारी को दर्शाता है। अमरापाड़ा के फ्रांसिस बास्की, गोपीकांदर के मोहन केवट और रमजान मियां से लेकर बाबू तक की अपनी सोच है जो इस अति पिछड़े इलाके की जटिल सामाजिक और भौगोलिक परिस्थितियों को अपने आप में समेटे हुए है।
दुर्गापुर के साप्ताहिक हटिया (बाजार) में मोलभाव चरम पर है। बगल में मुर्गी दबाए आता एक ग्रामीण करीब से गुजर रहे एक काफिले को देखकर तनिक ज्यादा किनारे हो जाता है। पता चला कि झामुमो के हेमंत सोरेन अमरापाड़ा जा रहे हैं। यहीं से चुनावी चर्चा शुरू हुई। भाषा को लेकर थोड़ी परेशानी है लेकिन इशारों में भी काम चल जाता है। नया चेहरा और हाथ में कलम देखकर यह समझ जाते हैं और चाय पीने का आग्रह भी करते हैं। पहले तो खुलते नहीं लेकिन मुद्दे की बात आती है तो बोलने से गुरेज नहीं। फ्रांसिस का गुस्सा एसपीटी एक्ट में संशोधन की कवायद को लेकर है तो रमजान बूचडख़ाने बंद होने को लेकर टेंशन में हैं। दाढ़ी सहलाते हुए कहते हैं कि बेटी का निकाह शायद इस साल नहीं हो पाए। गुजारा करना मुश्किल है लेकिन मोहन केवट का तर्क अलग है। कहते हैं कि बहुत दिन देख लिया एक पार्टी को वोट देकर। इस बार सोच लिया है कि क्या करना है। बातचीत में एक वृद्धा भी जुड़ी जो हटिया में मूढ़ी बेचने आई है। हिन्दी नहीं समझती है। पूछने पर बांग्ला टोन लिए टूटीफूटी हिन्दी में इनका आक्रोश जरूर झलकता है-पल्लू संभालते हुए कहती हैं-खटेंगे तो खाएंगे बाबू। ई वोट देने से क्या होगा। इन तमाम चर्चाओं का लब्बोलुआब यही रहा कि विभिन्न दलो की पैरोकारी के साथ यहां नोटा पर भी बटन दबने के आसार प्रबल हैं।
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इलाका छावनी में तब्दील
लिट्टीपाड़ा में चुनाव कराना पुलिस के लिए भी बड़ी चुनौती है। शनिवार को दुमका और पाकुड़ पुलिस ने समन्वय स्थापित कर इलाके की घेराबंदी कर दी है। यह इलाका घोर नक्सल प्रभावित है। काठीकुंड में नक्सलियों ने तत्कालीन पुलिस कप्तान अमरजीत बलिहार समेत आठ लोगों को अपना शिकार बनाया था। इस लिहाज से दुमका के एसपी ने शनिवार को लगातार सक्रियता बनाए रखी। एसपी मयूर पटेल ने बताया कि स्वच्छ मतदान के लिए सारे उपाय किए गए हैं।
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शिबू के करिश्मे का इम्तहान
लिट्टीपाड़ा विधानसभा उपचुनाव झामुमो प्रमुख शिबू सोरेन के करिश्मे का इम्तहान है। संतालों में सर्वाधिक लोकप्रिय शिबू सोरेन ने इस इलाके में तब ज्यादा ध्यान केंद्रित किया जब उन्हें लगा कि बाजी पलट सकती है। बीते चार दिनों से वे लगातार इलाके में सक्रिय हैं। शुक्रवार को उन्होंने अपने पुत्र और राज्य के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन के साथ साझा चुनावी सभाओं को भी संबोधित किया।

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