उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन में बरतें पारदर्शिता
पाकुड़ झारखंड अधिविध परिषद (जैक) की ओर से आयोजित मैट्रिक परीक्षा की उत्तरपुस्तिकाओं
पाकुड़: झारखंड अधिविध परिषद (जैक) की ओर से आयोजित मैट्रिक परीक्षा की उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन कार्य स्थानीय राज प्लस टू उच्च विद्यालय में गुरुवार को शुरू हुआ। इसका उद्घाटन अनुमंडल पदाधिकारी प्रभात कुमार व जिला शिक्षा पदाधिकारी रजनी देवी ने किया। इस मौके पर एसडीओ ने कहा कि उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में सरकार के लॉकडाउन व शारीरिक दूरी का पालन करें। कहा कि परीक्षक अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए ईमानदारी पूर्वक मैट्रिक परीक्षाओं की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन करें। मूल्यांकन में पारदर्शिता बरतें।
वहीं डीईओ ने कहा कि उत्तर पुस्तिका मूल्यांकन कार्य के दौरान सभी परीक्षकों को मास्क पहनना अनिवार्य है। हाथ में सैनिटाइजर लगाएं। मूल्यांकन के दौरान मास्क लगा हुआ नहीं पाया गया तो वैसे परीक्षक को मूल्यांकन कार्य से निकाल दिया जाएगा। साथ ही कार्रवाई भी की जाएगी। परीक्षकों को मूल्यांकन के लिए छ: मीटर दूरी का पालन करते हुए सीट निर्धारित किया गया है।
प्रधान परीक्षक व परीक्षक मोबाइल लेकर मूल्यांकन केंद्र में प्रवेश नहीं करेंगे। निरीक्षण के दौरान परीक्षक के पास मोबाइल पाया गया तो संबंधित परीक्षकों पर कार्रवाई की जाएग। मूल्यांकन के दौरान उत्तर पुस्तिकाओं में अंक देने व जोड़ने में सावधानी बरतें। प्रत्येक दिन हैंडवॉश व सैनिटाइजर करके ही मूल्यांकन केंद्र में प्रवेश करें। मूल्यांकन केन्द्र में परीक्षकों के अलावा किसी का भी प्रवेश नहीं होगा। पुलिस की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में कापियों का मूल्यांकन किया जाएगा। सीसीटीवी कैमरों के जरिए मूल्यांकन पर पूरी नजर रखी जाएगी। उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में किसी प्रकार की लापरवाही बर्दास्त नही की जाएगी। उन्होंने कहा कि यहां पर मूल्यांकन के लिए लगभग 40,000 उत्तर पुस्तिका आवंटित किया गया है। इसमें सबसे अधिक अंग्रेजी की उत्तर पुस्तिकाएं है। मूल्यांकन कार्य में प्रधान परीक्षक- 28 व परीक्षक 160 लगाए गए हैं। जरूरत पड़ी तो परीक्षक बढ़ाए जाएंगे। ताकि परिस्थिति के अनुसार जल्द-जल्द से उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन कराया जा सके। इस केंद्र पर मैट्रिक की हिदी, गणित, अंग्रेजी, समाजिक विज्ञान, विज्ञान व संस्कृत विषय के उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन किया जाएगा। इस मौके पर मूल्यांकन निदेशक सह प्राचार्य विलास प्रसाद यादवेन्दु, भोगेंद्र झा, मंजू कुमारी सिंहा, सुभाष चंद्रा, रत्न सेन, जितेंद्र झा, पंकज नीलम, सहित परीक्षक आदि मौजूद थे।