दसवां वेतन समझौता कामगारों के लिए कलंक
बेरमो /करगली (बेरमो) : कोल इंडिया प्रबंधन ने देश की चार प्रमुख ट्रेड यूनियनों के साथ दसवा
बेरमो /करगली (बेरमो) : कोल इंडिया प्रबंधन ने देश की चार प्रमुख ट्रेड यूनियनों के साथ दसवां वेतन समझौता कर कामगारों के अधिकारों पर ही सीधा हमला किया है। समझौता अब किसी कलंक की तरह दिख रहा है। इस कलंक को धोने के लिए मजदूरों को एकजुट होकर सरकार और कोल इंडिया की नीतियों का विरोध करना होगा। उक्त बातें जनता मजदूर संघ के केंद्रीय महामंत्री केडी पांडेय ने कही। वे मंगलवार को जनता मजदूर संघ के सीसीएल स्तरीय सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। बेरमो के करगली ऑफिसर्स क्लब में आयोजित सम्मेलन में वक्ताओं ने एकस्वर में 8-9 जनवरी को आहूत देशव्यापी औद्योगिक हड़ताल को सफल बनाने का संकल्प लिया।
कहा कि दसवां वेतन समझौता में अंडरग्राउंड भत्ता, सामाजिक कल्याण मद आदि में कटौती कर दी गई है। मजदूरों के वेतन में मामूली बढ़ोतरी कर कामगारों को गुमराह करने की कोशिश की गई है। सम्मेलन में सीसीएल के ढोरी, बीएंडके, कथारा, अरगड्डा, हजारीबाग, बरका सियाल, उरीमारी, धनबाद, रांची सहित विभिन्न क्षेत्र के यूनियन प्रतिनिधि मौजूद थे। मुख्य वक्ता पांडेय ने कहा कि कोल इंडिया प्रबंधन की ओर से मजदूरों के हक के अलावा सामाजिक सरोकार के कार्यों में भी कटौती की जा रही है। इसे धोने के लिए मजदूरों को 8-9 जनवरी को होने वाली हड़ताल को सफल करना होगा। उन्होंने कहा कि 9:3:0, 9:4:0, 9:5:0 के प्रावधानों को समाप्त कर अनुकंपा पर नियोजन के रास्ते को भी बंद कर दिया गया है। कोल इंडिया की मानकीकरण कमेटी ने भी इसपर तत्परता नहीं दिखाई। आउटसोर्सिंग कंपनियों के अधीन काम करने वाले असंगठित मजदूरों को न्यूनतम 18 से 20 हजार रुपये मासिक वेतन मिलना चाहिए, लेकिन सरकार और प्रबंधन का निजी कंपनियों पर कोई नियंत्रण नहीं है।
मौके पर सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहे हरिशंकर ¨सह ने कहा कि मजदूरों के हक के लिए जमसं सदैव संघर्षरत रहा है। जमसं के संयुक्त सचिव ओमप्रकाश ¨सह उर्फ टीनू ¨सह ने कहा कि सीसीएल में मजदूरों को ट्रांसफार्मर करने का अल्टीमेटम देकर अधिकारी भयादोहन करते हैं। इस दौरान दुधेश्वर नोनिया, यमुना रविदास, बसंती देवी सहित दर्जनों कामगारों ने संगठन की सदस्यता ग्रहण की।
सम्मेलन में प्रदीप कुमार सिन्हा, रमेश ¨सह, ओमशंकर ¨सह, जिप सदस्य नीतू ¨सह, कामोद यादव, रंजीत सागर, पुरुषोत्तम पांडेय, शिवपूजन चौहान, जैनुल अंसारी, विजेंद्र ¨सह, बाबूलाल साव, महेंद्र नायक, अरुण ¨सह, आरएन पांडेय, अजीत ¨सह, श्रीप्रसाद, रंजीत बनर्जी, प्रभाष कुमार, शंकर नायक, राजू प्रसाद, श्याम नारायण सतनामी सहित सैकड़ों की संख्या में विभिन्न परियोजना के कामगार शामिल हुए।