स्वच्छता के लिए दो बार सम्मानित हुआ पाकुड़
जागरण संवाददातापाकुड़ स्वच्छ भारत अभियान शुरू होने के बाद से पाकुड़ जिले के शहरी व ग्र
जागरण संवाददाता,पाकुड़: स्वच्छ भारत अभियान शुरू होने के बाद से पाकुड़ जिले के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में बदलाव दिख रहा है। अभियान के बाद से जिले में एक लाख 47 हजार 116 शौचालयों का निर्माण किया गया है। अब लोगों को जागरूक किया जा रहा है कि वे इस शौचालय का उपयोग करें। बहुत हद तक जिले को खुले में शौच से मुक्ति मिल गई है।
स्वच्छता के क्षेत्र में पाकुड़ नगर परिषद लगातार दो साल केंद्रीय स्तर पर पुरस्कृत हो चुकी है। पहला पुरस्कार इसे स्वच्छता के क्षेत्र में अभिनव प्रयोग के लिए दिया गया था। दूसरा पुरस्कार स्वच्छता के क्षेत्र में बेहतर काम करने के लिए दिया गया।
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घर-घर उठाया जा रहा कचरा
स्वच्छ भारत अभियान के तहत अब शहरों में सड़क के किनारे पसरा कचरा नहीं दिख रहा है। इसकी वजह यह है कि शहर की स्वच्छता का जिम्मा आकांक्षा नामक निजी एजेंसी को दिया गया है। एजेंसी ने हरेक घर में कूड़ा रखने के लिए बाल्टी दी है। हरेक घर को बार कोड देकर चिह्नित किया गया है। हरेक सुबह घरों में जमा कचरा उठाने के लिए संस्था की गाड़ी पहुंची है और कचरा जमाकर ले जाती है। इससे शहर में कचरा निष्पादन की समस्या का बहुत हद तक समाधान हो गया है। इसका एक फायदा यह है कि अब लोगों को नाली जाम की समस्या से भी बहुत हद तक मुक्ति मिल गई है।
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ग्रामीणों को जागरूक कर रही जलसहिया:
गांवों में स्वच्छता के प्रति लोगों को जलसहिया जागरूक कर रही है। बताया जा रहा है कि स्वस्थ्य रहने के लिए स्वच्छता कितना जरूरी है। घर के बाहर शौच करने के कितने प्रकार की बीमारी होती है। जलसहिया शौचालय के प्रयोग को महिलाओं के स्वाभिमान से जोड़कर जागरूक कर रही है।
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पाकुड़ जिले में लक्ष्य के अनुरूप सभी शौचालयों का निर्माण पूरा करा लिया गया है। लोगों को शौचालय के उपयोग के लिए जगरूक किया जा रहा है।
सुनील कुमार कार्यपालक अभियंता, पेयजल एवं स्वच्छता विभागपाकुड़