Move to Jagran APP

pakur news घर की ड्योढ़ी लांघ समूह से जुड़ीं, फिर लिखने लगीं पंचायत की किस्मत

सखी मंडल से जुड़ीं 25 सखियां आज बन गई हैं मुखिया दो प्रखंड प्रमुख भी बनीं परिवार की आय बढ़ाने को मंडल से जुड़ी थीं कार्यशैली से जीत लिया सबका भरोसा। सखी मंडल से जुड़ने के बाद मुखिया बनीं इन सभी महिलाओं का लक्ष्य है बेरोजगारों को स्वरोजगार से जोड़ना।

By Gautam OjhaEdited By: Published: Fri, 23 Sep 2022 10:26 PM (IST)Updated: Fri, 23 Sep 2022 10:26 PM (IST)
pakur news घर की ड्योढ़ी लांघ समूह से जुड़ीं, फिर लिखने लगीं पंचायत की किस्मत
पौधारोपण कार्यक्रम को संबोधित करती मुखिया सुजाता बीच में।

रोहित कुमार, पाकुड़। नारी को मौका मिलता है तो वह अपनी क्षमता साबित कर देती है। नजीर देखनी है तो पाकुड़ आइए। कभी घर में रहकर चौका संभालने वाली ये महिलाएं जब घर से बाहर निकलीं तो सखी मंडल से जुड़ीं। परिवार का अर्थतंत्र बदला। दुनिया देखी तो आचार विचार और व्यवहार में परिवर्तन आया। फिर पंचायत की किस्मत लिखने लगीं। जी हां पंचायत चुनाव में पाकुड़ जिले के सखी मंडलों की 25 दीदियां मुखिया और दो प्रखंड प्रमुख बन गईं है। अब ये गांव की सरकार चला रही हैं।

loksabha election banner

सखी मंडल से जुड़ने के कारण सामाजिक कार्य में प्रवीण हुईं। प्रशासनिक गतिविधियों को जाना। जनता का विश्वास जीता। अब लगन और मेहनत से फर्ज अंजाम दे रहीं। इसी साल पंचायत चुनाव हुआ, इसलिए शुरुआती दौर है। मुखरता से अधिकारियों के सामने पंचायत के मुद्दे उठा रहीं हैं। ऐसी ही महेशपुर प्रखंड के शहरग्राम पंचायत की मुखिया हैं सुजाता हेंब्रम। 2014 में सखी मंडल से जुड़ीं। छोटी सी जमीन में पति किसानी करते हैं। परिवार की आय बढ़ाने को सखी मंडल से जुड़ीं। समाज में गईं तो आत्मविश्वास आया। काम करने का अंदाज लोगों को इतना भाया कि मुखिया चुन लिया।

स्वरोजगार से जोड़ना लक्ष्य, ताकि रुके पलायन

सखी मंडल से जुड़ने के बाद मुखिया बनीं इन सभी महिलाओं का लक्ष्य है, बेरोजगारों को स्वरोजगार से जोड़ना। महिलाओं की श्रमशक्ति का सदुपयोग कराना। सुजाता कहती हैं कि हम सभी को नौकरी तो दिला नहीं सकते, मगर स्वरोजगार की दिशा में आगे बढ़ा सकते हैं, उनको प्रेरित कर सकते हैं। ताकि पलायन रुके। इसके अलावा पंचायत का विकास, स्वच्छता, बच्चों की शिक्षा, पानी, स्वरोजगार के लिए प्रशिक्षण, गरीबों व बुजुर्गों को योजनाओं का लाभ दिलवाएंगे। बच्चों व महिलाओं के विकास से सुदृढ़ होता समाज : हिरणपुर प्रखंड प्रमुख रानी सोरेन 2016 में सखी मंडल से जुड़ी। प्रमुख बनने के पूर्व वह प्रखंड की चार पंचायतों का कोष संबंधी काम सखी मंडल में संभालती थीं। गांव-गांव जातीं थीं, तो महिलाओं से संपर्क बढ़ा। चुनाव लड़ा तो प्रमुख चुन ली गईं। रानी का कहना है कि आंगनबाड़ी केंद्रों का पूरा लाभ महिलाओं व बच्चों को दिलवाएंगे। ये स्वस्थ व शिक्षित होंगे तो समाज सुदृढ़ होगा। लड़कियों की शिक्षा व गरीबों को आवास हमारी प्राथमिकता है। वहीं अमड़ापाड़ा प्रखंड प्रमुख जूही प्रिया मरांडी बनीं।

ये बन गईं मुखिया

पाकुड़ की मिनोती देवी, सिमोली मरांडी, सविता हेंब्रम, अमड़ापाड़ा की अनीता हेंब्रम, क्रांति पहाड़िन, ललिता पहाड़िन, रामी पहाड़िन, लिट्टीपाड़ा की रबीना मालतो, मीरू सोरेन, संतोशीला मरांडी, मीनू हांसदा, तालामय मरांडी, पाकु मुर्मू, माड़ी पहाड़िन, राखी हांसदा, पाकुड़िया की सुबास हेंब्रम, अनीता, सुशीला मरांडी, महेशपुर की मार्टिना सोरेन, सुजाता हेंब्रम, शुभलक्ष्मी मुर्मू, निर्मला मुर्मू, सुहागिनी हेंब्रम, हिरणपुर की एडलिना मुर्मू, सोनी मोहली।

पाकुड़ लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी के डीपीएम प्रवीण कुमार मिश्रा ने बताया कि सखी मंडल की दीदियों के पंचायत प्रतिनिधि बनने से ग्रामीण क्षेत्र में विकास बेहतर तरीके से होगा। सखी दीदियों को विकास योजना तैयार करने और इसको अमलीजामा पहनाने का प्रशिक्षण तो पहले से ही मिला हुआ है। इसका लाभ इनकी पंचायत को मिलेगा। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.