प्रधान का बेटा निकला अपहरण कांड का मास्टरमाइंड
अमड़ापाड़ा (पाकुड़) अमड़ापाड़ा थाना क्षेत्र के बास्को नाला में पुलिया का निर्माण करा रहे म
अमड़ापाड़ा (पाकुड़) : अमड़ापाड़ा थाना क्षेत्र के बास्को नाला में पुलिया का निर्माण करा रहे मुंशी रामनरेश भगत के अपहरण मामले में पुलिस ने दो आरोपितों को गिरफ्तार किया है। इसमें कांड का मास्टरमाइंड बड़ा बास्को निवासी बैजल टुडू व मालीपाड़ा निवासी स्टीफन हेंब्रम है।
बैजल बड़ा बास्को गांव के प्रधान प्रधान टुडू का पुत्र है। वह कई अपराधिक मामले में शामिल रह चुका हैं। मुंशी के अपहरण मामले में पुलिस ने अमड़ापाड़ा थाना में चार जनवरी को अपहरण का मामला दर्ज किया था। पुलिस टीम ने अपहृत मुंशी को घटना के तीसरे दिन ही गोड्डा के पोड़ैयाहाट से सकुशल बरामद कर लिया था।
पुलिस अधीक्षक राजीव रंजन सिंह ने सोमवार को अमड़ापाड़ा थाना परिसर में बताया कि तीन जनवरी की रात नकाबपोश बदमाशों ने बास्को नाला के समीप अस्थायी प्लांट में धावा बोलकर मुंशी का अपहरण कर लिया था। 50 लाख रुपये की फिरौती मांगी गई थी। इस मामले में शामिल बदमाशों की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी चल रही थी। 26 जनवरी को सूचना मिली कि अपराधी बैजल व स्टीफन अपने घर पर हैं। दोनों को पकड़ने के लिए टीम का गठन किया गया। टीम में महेशपुर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी शशि प्रकाश, पुलिस निरीक्षक थाना प्रभारी गोपाल यादव, पलिस अवर निरीक्षक रौशन कुमार सिंह, विनोद सिंह, एसएसबी के अधिकारी सुनील कुमार सिंह सहित अन्य जवान शामिल थे।
पुलिस टीम ने घटना के मास्टरमाइंड बैजल को उनके घर से गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद बैजल के निशानदेही पर स्टीफन को भी अमड़ापाड़ा थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया। दोनों के पास से चार मोबाइल बरामद किया है। एसपी ने बताया कि अपहरण कांड में बैजल, स्टीफन सहित वकील मुर्मू, रमेश मुर्मू, फ्रांसिस मुर्मू, बैजल का चालक जेकब मुर्मू, रामपतरास मरांडी सहित अन्य शामिल हैं।
पतरास की गिरफ्तारी गोड्डा पुलिस ने रविवार की रात को कर ली है। प्रेसवार्ता में एसडीपीओ महेशपुर शशि प्रकाश सहित अन्य उपस्थित थे।
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कुख्यात रामपतरास की थी अहम भूमिका
पुलिस के हत्थे चढ़ा अपराधी बैजल ने पुलिस के समक्ष कई राज उगले हैं। बैजल ने अपरहण कांड में संलिप्त रहने की बात स्वीकार की है। बैजल ने बताया कि मुंशी के अपहरण के लिए गोड्डा जिले के सुंदरपहाड़ी से अपराधियों को बुलाया गया था। कुख्यात रामपतरास हथियार लेकर अपने साथियों के साथ पुलिया निर्माण स्थल पर पहुंचा था। स्टीफन ने शराब की व्यवस्था की थी। सभी मिलकर शराब पीने के बाद घटना को अंजाम दिया गया। बैजल ने बताया कि वे लोग स्थानीय थे, इसलिए पहचान की के डर से छिप गए थे। मुंह पर कपड़ा बांध लिया था। रामपतरास और उनके साथियों ने मुंशी को बाइक में बैठाकर गोड्डा ले गया। बाद में मैजिक में बैठकर हमलोग भी गोड्डा पहुंचे।