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तालाब बचाने को न जन जाग रहे न तंत्र

शहर से लेकर देहाती क्षेत्रों में अतिक्रमण के चलते तालाब मिट रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Jun 2018 07:38 AM (IST)Updated: Tue, 19 Jun 2018 07:38 AM (IST)
तालाब बचाने को न जन जाग रहे न तंत्र
तालाब बचाने को न जन जाग रहे न तंत्र

पाकुड़ : शहर से लेकर देहाती क्षेत्रों में अतिक्रमण के चलते तालाब मिट रहे हैं। इसके कारण लगातार जलस्तर गिर रहा है। जो भविष्य के लिए खतरे की घंटी बना है। तालाबों को बचाने की न तो जनता को परवाह है न ही तंत्र को। शहर के कई तालाबों को पाटकर समतल कर दिया गया है। इस पर मकान बन गए है।

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शहर के लोगों ने बहुत पहले तालाबों को बचाने के लिए हो-हल्ला भी किया था, लेकिन सरकारी मशीनरी नहीं जागी। लिहाजा भूमाफिया का मनोबल बढ़ा। वे तालाब भरने के काम को अंजाम देते चले गए। आज हालात ये है कि भूमाफियाओं के आगे प्रशासन बौना है। शहर के कई हिस्सों में कभी तालाबों की भरमार थी। सरकारी व निजी दोनों तरह के तालाब थे। हालांकि कुछ सरकारी तालाब तो अभी भी बचे हैं जबकि अधिकतर निजी तालाबों को पाट दिया गया है। तालाब मालिक रुपए के लालच में फंसकर तालाबों को समतल कर ऊंची कीमतों पर बेच चुके हैं। कुछ और निजी तालाबों को भी बेचने की तैयारी चल रही है। राजापाड़ा स्थित श्मशान काली तल्ला पोखर कभी काफी बड़ा था। आज वह जलकुंभी के कारण सिकुड़ गया है। आसपास के लोगों का कहना है कि इस तालाब में लोग पहले स्नान आदि करते थे। परंतु रख-रखाव नहीं होने के कारण तालाब अपनी पहचान खो रहा है। इस तालाब पर भी भूमाफिया की नजर है। इसको बचाने को सभी को समवेत प्रयास करने चाहिए।

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तालाबों के सुंदरीकरण में औपचारिकता:

नगर परिषद क्षेत्र में स्थित सरकारी तालाबों का रख-रखाव नहीं हो रहा है। नगर परिषद इन तालाबों को सहेजने का काम नहीं कर रही है। तालाबों के सुंदरीकरण में भी खानापूíत की जा रही है। छठ पर्व के समय नगर परिषद की ओर से तालाबों की साफ-सफाई होती है। चूना व ब्ली¨चग पाउडर का भी छिड़काव होता है लेकिन इसके बाद तालाब पर ध्यान नहीं दिया जाता। वे जीर्ण-शीर्ण अवस्था में आ जाते हैं। जबकि तालाबों के रखरखाव पर हमेशा ध्यान जरूरी है।

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जलस्रोत बचाने आगे आएं: रीतू:

फेस संस्था सचिव रीतू पांडेय ने कहा कि तालाबों और अन्य जलस्रोत को बचाने के लिए हम सभी को आगे आना पड़ेगा। तभी आने वाले समय में पानी के लिए तरसना नहीं पड़ेगा।

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प्रशासन को करनी होगी पहल : रणवीर:

जिला एथलेटिक्स संघ के सचिव रणवीर ¨सह ने कहा कि जलस्रोतों को बचाने के लिए प्रशासन को भी पहल करनी चाहिए। जन जागरण भी जरूरी है। जल संचयन का सबसे अच्छा उपाय तालाब है। उनको सहेजना समय की जरूरत है।


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