तीन दिन बाद एनडीआरएफ टीम ने निकाला सूरज का शव
संवाद सूत्र हिरणपुर (पाकुड़) वीरग्राम स्थित बंद पड़ी केसीसी बिल्डकान की पत्थर खदान में
संवाद सूत्र, हिरणपुर (पाकुड़) : वीरग्राम स्थित बंद पड़ी केसीसी बिल्डकान की पत्थर खदान में तीन दिन पहले डूबे लकड़ापहाड़ी गांव के सूरज मालतो के शव को एनडीआरएफ देवघर की टीम ने मंगलवार को बाहर निकालने में सफलता पाई। इसके बाद प्रशासनिक अधिकारियों ने राहत की सांस ली। बता दें कि 22 जनवरी को स्नान करने के दौरान सूरज पत्थर खदान में डूब गया था। खदान में काफी गहरा पानी होने के कारण स्थानीय गोताखोर दो दिन से सूरज को खोज नहीं पाए थे। सूरज को खदान से बाहर निकालने की मांग को लेकर ग्रामीण और स्वजन पिछले दो दिन लगातार सड़क जाम कर विरोध जता रहे थे। तीन दिन बाद भी सूरज का शव नहीं निकाल पाने पर स्थानीय प्रशासन ने सोमवार की शाम को एनडीआरएफ की टीम को बुलाया। एनडीआरएफ की टीम ने मंगलवार को खदान में तलाशी शुरू की और आखिर उसे ढूंढ निकालने में सफलता मिली। शव को देखते ही स्वजन और मौके पर मौजूद लोग फफक पड़े। अंचलाधिकारी मनोज कुमार ने बताया कि शव बरामद होने के बाद प्रशासन और ग्रामीणों ने राहत की सांस ली। पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद शव स्वजनों को सौंप दिया। महज तीन मिनट में ही निकाल लिया शव : देवघर से बटालियन नौ की टीम सोमवार की देर शाम वीरग्राम स्थित पत्थर खदान पहुंच गई थी जिसमें 15 सदस्य थे। रात होने के कारण टीम के सदस्य सोमवार को पानी में नहीं उतरे। मंगलवार की सुबह एनडीआरएफ की टीम ने पत्थर खदान में तलाशी शुरू की। एनडीआरएफ के निरीक्षक ओपी गोस्वामी की उपस्थिति में सदस्य बोट के माध्यम से पत्थर खदान में उतरे। टीम के गोताखोर समीर बसाक आक्सीजन व अन्य उपकरण के साथ खदान के गहरे पानी में गए और महज तीन मिनट में ही सूरज के शव को बाहर निकाल लिया। शव पानी में होने की वजह से काफी गल चुका था। निरीक्षक ने बताया कि पटना एनडीआरएफ टीम के अंतर्गत हमलोग काम करते हैं। यह सामान्य आपरेशन था। ग्रामीणों में रोष देख पूरे गांव में तैनात थी पुलिस : ग्रामीणों को आक्रोशित देख वीरग्राम गांव में काफी संख्या में पुलिस पदाधिकारियों व जवानों को तैनात कर दिया गया था। शव के निकलने तक पुलिस मुस्तैद थी। शव निकलने के बाद तक पुलिस गांव में डटी रही। ग्रामीणों व स्वजनों का गुस्सा शांत होने के बाद पुलिस वापस लौट गई। थाना प्रभारी मदन कुमार ने बताया कि तीन दिनों से सूरज के शव को निकालने का अथक प्रयास किया जा रहा था। शव निकलने के बाद ग्रामीणों का गुस्सा शांत हो गया।