नए चेहरे पर दावं खेल रही झामुमो-कांग्रेस
पाकुड़ : नगर परिषद चुनाव पहली बार दलगत आधार पर होने जा रही है। राष्ट्रीय व क्षेत्रीय पाíट
पाकुड़ : नगर परिषद चुनाव पहली बार दलगत आधार पर होने जा रही है। राष्ट्रीय व क्षेत्रीय पाíटयां अध्यक्ष व उपाध्यक्ष पद पर चुनाव लड़नेवाले प्रत्याशियों की घोषणा भी कर चुके हैं। विभिन्न प्रत्याशियों के नामांकन करने का दौर भी जारी है। कांग्रेस पार्टी की ओर से अध्यक्ष पद की उम्मीदवार रीतू पांडेय, उपाध्यक्ष श्रीकुमार सरकार, भाजपा पार्टी की ओर से अध्यक्ष पद पर पूर्व वार्ड पार्षद संपा साह, उपाध्यक्ष सुनील कुमार सिन्हा, झामुमो की ओर से अध्यक्ष पद पर मीरा प्रवीण ¨सह, उपाध्यक्ष पद पर महावीर भगत तथा आजसू पार्टी की ओर से सेलिना सुल्ताना अध्यक्ष व आलोक जयपॉल उपाध्यक्ष पद पर चुनाव लड़ेंगे। पार्टी आलाकमान ने प्रत्याशियों को ¨सबल भी दे चुके हैं। इस बार कांग्रेस, झामुमो व आजसू पार्टी नए चेहरे पर दांव खेल रही है।
कांग्रेस पार्टी की ओर से अध्यक्ष पद पर चुनाव लड़नेवाली रीतू पांडेय, उपाध्यक्ष पद पर श्रीकुमार सरकार तथा आजसू पार्टी की ओर से अध्यक्ष पद पर चुनाव लड़नेवाली सेलिना सुल्ताना व उपाध्यक्ष पद पर आलोक जयपॉल ने बुधवार को नामांकन पर्चा दाखिल कर दिया है। वहीं गुरुवार यानि आज झामुमो की ओर से अध्यक्ष पद पर मीरा प्रवीण ¨सह उर्फ डोली पांडेय व उपाध्यक्ष पद पर महावीर भगत तथा भाजपा की ओर से अध्यक्ष पद पर संपा साह व उपाध्यक्ष पर सुनील कुमार सिन्हा नामांकन पर्चा भरेंगे। पहली बार हो रही दलगत चुनाव में सबसे मजेदार बात यह है कि कांग्रेस, झामुमो व आजसू पार्टी नए चेहरे को चुनावी रणक्षेत्र में उतारने का फैसला किया है। इन पाíटयों में कुछ चेहरे ऐसे हैं जिन्हें शहर के लोग कम ही जानते हैं। जबकि कुछ चेहरे ऐसे हैं जो समाजिक क्षेत्र में काम कर अपनी छवि बनाने में कामयाब रहे हैं। इधर, भाजपा की ओर से संपा साह पूर्व में वार्ड पार्षद का चुनाव लड़ चुकी है जबकि सुनील कुमार सिन्हा पहली बार अपना भाग्य अजमाने चुनावी रणक्षेत्र में कदम रखा है। हालांकि जनता वैसे प्रत्याशी को शहर के प्रथम नागरिक की कुर्सी में आसीन करना चाहेगी, जिनकी छवि समाजिक क्षेत्र में काम करने के रूप में उभर कर सामने आई है।
बागी हुए पूर्व उपाध्यक्ष गांगुली
नगर परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष ए. गांगुली झामुमो से टिकट नहीं लने पर निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया है। गांगुली झामुमो पार्टी से उपाध्यक्ष पद पर चुनाव लड़ने का मन बनाया था। लेकिन पार्टी ने उसे नकार दिया। अब वह निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे वहीं पूर्व वार्ड पार्षद व उपाध्यक्ष सोमनाथ घोष भी निर्दलीय चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है। सोमनाथ पहले भी उपाध्यक्ष पद आसीन रह चुके हैं। सोमनाथ को भी झामुमो पार्टी से उपाध्यक्ष पद पर चुनाव लड़ने का इरादा था। इसके लिए उन्होंने काफी जोर भी लगाया था। लेकिन झामुमो आलाकमान ने उसे भी नकार दिया। यानि दो-दो पूर्व उपाध्यक्ष इस बार चुनाव में उपाध्यक्ष पद पर पुन: किस्मत आजमाएंगे। हार-जीत तो अलग बात है कि लेकिन सबसे अहम यह है कि गांगुली व सोमनाथ पहले भी जनता की सेवा कर चुके हैं। इसलिए यह चुनाव उन दोनों के लिए किसी चुनौती से कम नहीं होगी।