Move to Jagran APP

पहाड़ियों ने खड़ा किया परेशानी का पहाड़

पाकुड़ जिले में पिछले तीन दिनों से लगातार हुई बारिश के कारण बांसलोई व तोड़ाई नदी उ

By JagranEdited By: Published: Sun, 27 Sep 2020 07:40 PM (IST)Updated: Mon, 28 Sep 2020 05:15 AM (IST)
पहाड़ियों ने खड़ा किया परेशानी का पहाड़
पहाड़ियों ने खड़ा किया परेशानी का पहाड़

पाकुड़ : जिले में पिछले तीन दिनों से लगातार हुई बारिश के कारण बांसलोई व तोड़ाई नदी उफान पर है। दो दिन पूर्व मुफस्सिल इलाके के अधिकतर गांवों में बाढ़ का पानी घुस आया था। इससे लोगों में अफरातफरी मच गई है। शनिवार की रात दहशत में कटा। बाढ़ आने के कारण प्रभावित परिवार रतजगा कर रहे थे। खेतों में इनदिनों बाढ़ का पानी लबालब भरा हुआ है। वर्षपात की बात करें तो सबसे अधिक बारिश लिट्टीपाड़ा, पाकुड़िया व पाकुड़ प्रखंड क्षेत्र में हुई है।

loksabha election banner

गोड्डा के पहाड़ी इलाके में बारिश के कारण प्रतिवर्ष मुफस्सिल इलाके में बाढ़ आ जाती है। इस बार भी वैसा ही हुआ। पहाड़ी इलाके से नदियों के माध्यम से आ रही पानी लोगों के लिए परेशानी का पहाड़ तैयार कर रहा है। बताते चलें कि सदर प्रखंड क्षेत्र होकर गुजरने वाली तोड़ाई व मसना नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया है।

कृषि विभाग कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार इलाके में वर्षापात कम होने के बाद भी मुफस्सिल इलाके में बाढ़ आ जाती है। गोड्डा के पहाड़ी इलाके में बारिश होने के कारण तोड़ाई व मसना नदी का जलस्तर खतरे के निशान से उपर बह रही है। उक्त नदियों का पानी ओवरफ्लो होकर आसपास के गांवों में घुस गया है। इससे बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है। मो. केताबुल, रामजान शेख, मुस्सबर अली सहित अन्य ग्रामीणों का कहना है कि हल्की बरसात में भी बाढ़ का पानी गांव में घुस आता है। इस बार भी गांवों में बाढ़ का पानी घुस गई है। स्थिति काफी भयावह है। हालांकि रविवार की सुबह बाढ़ का पानी धीरे-धीरे निकलने लगा था। लोगों का कहना है कि पहाड़ी इलाके में जमकर बारिश होने के बाद बांसलोई सहित तोड़ाई व मसना नदी उफान में आ जाती है। इससे बाढ़ का खतरा बढ़ जाता है।

------------

इन गांवों में घुसा है बाढ़ का पानी

तोड़ाई व मसना नदी का जलस्तर बढ़ने से सदर प्रखंड के काबिलपुर, हरिगंज, हरिहारा, गंधाईपुर, नवादा, इलामी, तारानगर, रामचंद्रपुर, कुसमानगर, चंडीतल्ला, पातालपुर, निशानपाड़ा, बोस्टमडांगा आदि गांवों में बाढ़ का पानी घुस जाता है। बरसात के मौसम में उक्त सभी गांव बाढ़ से प्रभावित हो जाता है। इस बार भी निचले इलाके में बाढ़ का पानी घुसा था लेकिन एक दिन में ही निकल गया।

---------------

तीन दिनों का वर्षापात

24 सितंबर 2020

प्रखंड का नाम वर्षापात

पाकुड़ 2.4 मिमी

पाकुड़िया 00 मिमी

अमड़ापाड़ा 02 मिमी

लिट्टीपाड़ा 2.1 मिमी

हिरणपुर 00 मिमी

महेशपुर 00 मिमी

------------------------- 25 सितंबर 2020

प्रखंड का नाम वर्षापात

पाकुड़ 11.5 मिमी

पाकुड़िया 00 मिमी

अमड़ापाड़ा 22 मिमी

लिट्टीपाड़ा 40.2 मिमी

हिरणपुर 12.5 मिमी

महेशपुर 6.3 मिमी

-----------------------

26 सितंबर 2020

प्रखंड का नाम वर्षापात

पाकुड़ 42.6 मिमी

पाकुड़िया 66.0 मिमी

अमड़ापाड़ा 19 मिमी

लिट्टीपाड़ा 50.2 मिमी

हिरणपुर 41.3 मिमी

महेशपुर 24.6 मिमी

-----------------

वर्जन..

पहाड़ी इलाके में बारिश के कारण पाकुड़ प्रखंड के निचले इलाके में बाढ़ का पानी घुस गया है। पहाड़ी इलाके का पानी तोड़ाई, बांसलोई व मसना नदी के माध्यम से गांव तक पहुंच जाता है। इससे बाढ़ की समस्या उत्पन्न हो जाती है।

मुनेंद्र दास, जिला कृषि पदाधिकारी

पाकुड़


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.