तंदुरुस्ती को कृमि का नाश जरूरी
जागरण टीम पाकुड़ जिले भर में मंगलवार को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति पखवारा का शुभारंभ हुआ
जागरण टीम, पाकुड़ : जिले भर में मंगलवार को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति पखवारा का शुभारंभ हुआ। सिविल सर्जन डॉ. रामदेव पासवान ने बैंक कॉलोनी से इसका शुभारंभ किया। पाकुड़ प्रखंड सहित हिरणपुर, लिट्टीपाड़ा, अमड़ापाड़ा, पाकुड़िया एवं महेशपुर में सहियाओं द्वारा घर-घर जाकर एक से 19 साल तक के बच्चों को कृमिनाशक दवा खिलाई गई।
कोरोना के मद्देनजर काफी सावधानी के साथ बच्चों को दवा दी गई। पूर्व में विद्यालयों एवं आंगनबाड़ी केंद्रों में ही बच्चों को दवा खिलाई जाती थी, लेकिन कोविड 19 के कारण शैक्षणिक संस्थान बंद होने से इस बार समुदाय स्तर पर (घर-घर जाकर) बच्चों को एलबेंडाजोल की दवा खिलाई जा रही है। सिविल सर्जन डॉ. पासवान ने बताया कि एक से 19 साल तक के बच्चों को पेट के कीड़े की दवा जरूर खाना चाहिए। अधिकतर बच्चों में पेट से संबंधित बीमारियां पाई जाती है। जिस वजह से बच्चों में खून की कमी, कुपोषण, मितली, उल्टी व दस्त होना तथा वजन में कमी होना जैसे दुष्प्रभाव दिखते हैं। गंदे हाथों से घर की सारी चीजों को छूना, बिना हाथ पैर धोकर कुछ भी खा लेना, बिना ढंका हुआ पानी पीना आदि लापरवाही की वजह से बच्चों के पेट में बीमारियां होती हैं। जो कभी-कभी घातक भी साबित हो सकता है। इसी को ध्यान में रखते हुए एक से 19 साल तक के बच्चों को साल में दो बार कृमिरोधी दवा खिलाई जाती है। इसकी खुराक एक से दो वर्ष की आयु के बच्चों को आधी गोली तथा तीन से 19 वर्ष की आयु के बच्चे को एक गोली दी जाएगी।