नक्सल प्रभावित इलाकों में नहीं पहुंच रही स्वास्थ्य सुविधाएं
पाकुड़ : जिले के नक्सल प्रभावित लिट्टीपाड़ा व अमड़ापाड़ा प्रखंड क्षेत्र में सही तरीके से स्वा
पाकुड़ : जिले के नक्सल प्रभावित लिट्टीपाड़ा व अमड़ापाड़ा प्रखंड क्षेत्र में सही तरीके से स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं पहुंच रही है। इससे पहाड़ी क्षेत्र में निवास कर रहे पहाड़िया परिवारों को विभिन्न प्रकार की बीमारियों से जूझना पड़ रहा है। चिकित्सक व एएनएम की कमी के कारण नक्सल इलाके के अधिकतर स्वास्थ्य केंद्र बंद पड़ा हुआ है। उक्त दोनों प्रखंडों में एकाध उपस्वास्थ्य केंद्र कभी-कभी ही खुलता है। स्वास्थ्य विभाग इन प्रखंडों में ध्यान नहीं दे रही है।
स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार लिट्टीपाड़ा प्रखंड क्षेत्र में 22 तथा अमड़ापाड़ा प्रखंड क्षेत्र में 15 उपस्वास्थ्य केंद्र संचालित है। लिट्टीपाड़ा में चार तथा अमड़ापाड़ा प्रखंड में दो चिकित्सक कार्यरत हैं। स्वास्थ्य केंद्रों के हिसाब से एएनएम की संख्या काफी कम है। एक एएनएम के भरोसे चार-पांच स्वास्थ्य केंद्र है। लिट्टीपाड़ा प्रखंड में बीचामहल, चटकम, छोटा सूरजबेड़ा, डमरू, लीलातरी, दासगोड़ा, धर्मपुर, डुमरिया, गम्हरिया, हाथीगढ़, हाथीबथान, जामजोड़ी, जामकुंदर, कुंजबोना, मकरो, मोहलबोना, पतरापाड़ा, सिमलौंग, सूरजबेड़ा, सुरमा, तालझारी व टोंगी गांव में उपस्वास्थ्य केंद्र स्थित है। इसी तरह अमड़ापाड़ा प्रखंड में आलूबेड़ा, चांदपुर, चिलगोजोरी, डांगापाड़ा, डुमरचीर, फतेहपुर, गौरपाड़ा, जामुगढि़या, कोलखीपाड़ा, मोरियो, पचुवाड़ा, पाडेरकोला, पकलो, सलपतरा, तिलईपाड़ा में उपस्वास्थ्य केंद्र है। उक्त दोनों प्रखंडों के अधिकतर उपस्वास्थ्य केंद्र पहाड़ों पर स्थित हैं और नक्सल प्रभावित भी हैं। नक्सली गतिविधि के चलते चिकित्सक व एएनएम नहीं पहुंचते हैं। लिट्टीपाड़ा प्रखंड क्षेत्र में अनेकों गांव ऐसे हैं जहां के बच्चों को समय पर टीका भी नहीं लगाया गया है।
वर्जन...
कुछ केंद्र ऐसे हैं जो नियमित नहीं खुलते हैं। लेकिन लिट्टीपाड़ा व अमड़ापाड़ा के अधिकतर स्वास्थ्य केंद्र सप्ताह में तीन दिन अवश्य खुलते हैं।
डॉ. बीके ¨सह, प्रभारी सिविल सर्जन पाकुड़