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सरकारी व्यवस्था फेल, झोला छाप पर आस

हिरणपुर (पाकुड़) हिरणपुर प्रखंड क्षेत्र में सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था फेल हो चुकी है। चिकि

By JagranEdited By: Published: Sun, 08 Dec 2019 08:05 AM (IST)Updated: Sun, 08 Dec 2019 08:05 AM (IST)
सरकारी व्यवस्था फेल, झोला छाप पर आस
सरकारी व्यवस्था फेल, झोला छाप पर आस

हिरणपुर (पाकुड़) : हिरणपुर प्रखंड क्षेत्र में सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था फेल हो चुकी है। चिकित्सकों की नियुक्ति नहीं होने से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र व उपस्वास्थ्य केंद्रों में मकूल सुविधा नहीं मिल रही है। इस कारण ग्रामीण झोला छाप डॉक्टर पर विश्वास कर अपनी पूंजी बर्बाद कर रहे हैं।

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माननीयों द्वारा चिकित्सकों की कमी दूर करने के लिए विधानसभा में आवाज उठाई, परंतु सरकार के कान खड़े नहीं हुए। इस बार विधानसभा चुनाव में यह बड़ा मुद्दा बना है।

हिरणपुर प्रखंड क्षेत्र की कुल आबादी 95 हजार है। आबादी के हिसाब से स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सक नहीं है। प्रखंड मुख्यालय में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का संचालन हो रहा है। विभिन्न गांवों में कुल 15 उप स्वास्थ्य केंद्र है। परंतु इन केंद्रों में चिकित्सकों की कमी है। गंभीर बीमारी व सड़क दुर्घटना में घायल लोगों के इलाज के लिए बंगाल जाना पड़ता है।

ग्रामीण मरांग टुडू, वकील सोरेन, राम कुमार पहाड़िया, दिनेश साहा आदि ने बताया कि सरकारी स्वास्थ्य सेवा की स्थिति काफी दयनीय है। स्वास्थ्य उप केंद्र तो हमेशा बंद ही रहता है।

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एएनएम के भरोसे उपस्वास्थ्य केंद्र

वर्तमान में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में दो चिकित्सक कार्यरत हैं। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज के लिए मरीजों की भीड़ लगी रहतीहै। प्रखंड में कुल 23 एएनएम कार्यरत हैं। ग्रामीण क्षेत्रों के उप स्वास्थ्य केंद्रों में एएनएम पदस्थापित हैं। चिकित्सक नहीं हैं। कई उप स्वास्थ्य केंद्र में ताला लटक रहा है। नियमित प्रतिरक्षण सहित स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित अन्य कार्यक्रम प्रभावित हो रहें हैं।

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करोड़ों का बना भवन, लेकिन बेकार

प्रखंड क्षेत्र के डांगपाड़ा गांव के निकट आज से करीब 9 वर्ष पूर्व 1.28 करोड़ की लागत से स्वास्थ्य केंद्र का भवन बना। रात्रि प्रहरी, सफाई कर्मी की पदस्थापन भी हुई। लेकिन चिकित्सक का दर्शन नहीं हुआ। एएनएम केंद्र खोलती है। विभाग प्रत्येक वर्ष केंद्र को दवा भी उपलब्ध कराता है। प्रखंड क्षेत्र के पोखरिया, वीरग्राम, जगतपुर सहित अन्य कई स्थानों पर भी लाखों की लागत से स्वास्थ्य केंद्र बनाए गए परंतु चिकित्सक का पदस्थापन नहीं हुआ। बरमसिया स्थित स्वास्थ्य केंद्र की हालत भी ठीक नहीं है। भवन निर्माण के बाद जस का तस बना हुआ है। कमलघाटी स्वास्थ्य केंद्र 10 वर्षो से अधर में पड़ा हुआ है।

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वर्जन..

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में दो चिकित्सक कार्यरत है। चिकित्सकों की कमी के कारण स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने में परेशानी हो रही है। स्वास्थ्य केंद्र नियमित संचालित हो रही है।

डॉ. मिहिर कुमार, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, हिरणपुर, पाकुड़


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