कालाजार उन्मूलन को जन सहभागिता जरूरी
जागरण संवाददाता पाकुड़ कालाजार उन्मूलन हमारे लिए बड़ी चुनौती है। कालाजार उन्मूलन के
जागरण संवाददाता, पाकुड़ : कालाजार उन्मूलन हमारे लिए बड़ी चुनौती है। कालाजार उन्मूलन के लिए सभी की सहभागिता जरूरी है। देश के चार राज्यों में 11 जिले ही कालाजार उन्मूलन के लिए शेष बचे हैं। लोगों को कालाजार व उसके उपचार के प्रति जागरूक करें। यह बातें सदर अस्पताल के सभागार में गुरुवार को उपायुक्त कुलदीप चौधरी ने कही। राष्ट्रीय वैक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत एक दिवसीय आइआरएस व एसीडी प्रशिक्षण में कालाजार के राज्य नोडल पदाधिकारी सह डब्ल्यूएचओ के राज्य समन्वयक डा. एसएन झा ने शिरकत की।
उपायुक्त कुलदीप चौधरी ने कहा कि वर्ष 2013-14 में जिले की स्थिति बेहतर थी। वर्ष 2017-18 में कालाजार की संख्या बढ़ी। यह क्रम वर्ष 2018-19 में भी जारी रहा। पिछले दो-ढाई वर्षो में इस दिशा में कई सकारात्मक प्रयास हुए। अब उन प्रयासों में और गंभीरता बरतने की आवश्यकता है। मरीजों की पहचान एवं उसको चिकित्सा उपलब्ध कराने के बीच की जो दूरी है, उसे कम करना है। उन्होंने चिह्नित प्रभावित गांवों पर विशेष फोकस करने को कहा।कालाजार उन्मूलन अभियान के सफल संचालन में आंगनबाड़ी कर्मी, जल सहिया एवं जेएसएलपीएस की अहम भूमिका है। सभी से समन्वय स्थापित कर लोगों को कालाजार एवं इसके उपचार के प्रति जागरूक करें। उपायुक्त ने आइआऱएस शुरू किए जाने से पूर्व राजस्व ग्राम प्रधानों के माध्यम से भी ग्रामीणों को जागरूक करने को कहा। उपायुक्त ने आइआऱएस को शत-प्रतिशत करने का निर्देश दिया, ताकि आगे परिणाम बेहतर मिले। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग की टीम को सभी अन्य विभागों से समन्वय स्थापित कर बेहतर कार्य करने को कहा। कालाजार के राज्य नोडल पदाधिकारी ने कहा कि इस वर्ष पाकुड़ जिले से कालाजार को भगाना है। इसके लिए समन्वय स्थापित कर काम करने की जरूरत है। इस मौके पर डीडीसी अनमोल कुमार सिंह, पीसीआइ के राज्य परियोजना प्रबंधक कलाम खान, क्षेत्रीय समन्वयक सुदीप दत्ता, डब्ल्यूएचओ के राज्य समन्वयक डा. धर्मेंद्र सिंह तोमर सहित अन्य मौजूद थे।