आस्था के साथ खिलवाड़ नहीं होगा बर्दाश्त
छठ महापर्व को लेकर राज्य सरकार द्वारा जारी आदेश के खिलाफ भाजपा कार्यकर्ताओं में आक्रोश व्याप्त है।
पाकुड़ : छठ महापर्व को लेकर राज्य सरकार द्वारा जारी आदेश के खिलाफ भाजपा कार्यकर्ताओं में आक्रोश व्याप्त है। राज्य सरकार के निर्णय के खिलाफ मंगलवार को भाजपा कार्यकर्ताओं ने शहर के कालीभसान तालाब छठ घाट पर जल सत्याग्रह किया।
कार्यक्रम का नेतृत्व नगर परिषद अध्यक्ष संपा साहा ने किया। भाजपा नेताओं ने हेमंत सरकार से हिदू विरोधी तुगलकी फरमान को शीघ्र वापस लेने की मांग की। साथ ही चेतावनी दी कि यदि सरकार अपना निर्णय वापस नहीं लेती है तो उग्र आंदोलन किया जाएगा। नगर परिषद अध्यक्ष संपा साहा ने कहा कि हेमंत सरकार जनविरोधी और अविवेकपूर्ण तुगलकी फरमान को अविलंब वापस ले। आस्था केसाथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हिदू जन भावनाओं को ध्यान में रखते हुए बिहार की तर्ज पर तालाबों एवं जलाशयों में छठ पूजा मनाने का निर्देश जारी किया जाए, अन्यथा लोक आस्था के समक्ष झारखंड सरकार का तुगलकी फरमान ध्वस्त हो जाएगा।
भाजपा जिलाध्यक्ष बलराम दुबे ने कहा कि कोविड 19 के बहाने महागठबंधन के नेताओं का दोहरा चरित्र भी साफ झलक रहा है। एक ओर हेमंत सरकार घर पर ही छठ पूजा मनाने का निर्देश जारी करती है और दूसरी और झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस पार्टी के नेता झारखंड के मुख्यमंत्री के दिशा निर्देश पर पुनर्विचार कर तालाब एवं जलाशयों में छठ पर्व मनाने का निर्देश जारी करने की मांग कर रहे हैं। सरकार इस निर्णय पर पुनर्विचार करें और हिदू जन भावनाओं का सम्मान करें। इस कार्यक्रम में नगर परिषद के उपाध्यक्ष सुनील कुमार सिन्हा, अनुग्रहित प्रसाद साह, भाजपा प्रदेश मंत्री शर्मिला रजक, हिसाबी राय, जिप उपाध्यक्ष मुकेश शुक्ला, विवेकानंद तिवारी, रसन्ना शंकर मिश्रा, वार्ड पार्षद अशोक प्रसाद, अंजना राऊत, पूनम देवी, अनिकेत गोस्वामी, रंजीत राम, अमृत पांडे, धर्मेन्द्र कुमार सिंह, श्यामल गोस्वामी, दिलीप कुमार सिंह, सुशील कुमार साहा, मंजूर आलम, सोमा पाल, पवन भगत, साधना ओझा, पार्वती देवी, राजेश डोकानिया, पंकज साहा, सोहन मंडल, असीम मंडल सहित दर्जनों कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया।