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विश्व में सर्वश्रेष्ठ है भारत की कला-संस्कृति

स्थानीय उषा देवी सरस्वती शिशु मंदिर में शुक्रवार को भारतीय कला एवं संस्कृति संरक्षण कार्यक्रम सह अभिभावक सम्मेलन का आयोजन किया गया। सभा में अध्यक्ष अमित कुमार भगत प्रधानाचार्य देवेंद्र वर्मा सह सचिव गौतम रजक तथा कोषाध्यक्ष संतोष कुमार साह ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित किया।

By JagranEdited By: Published: Fri, 22 Nov 2019 05:42 PM (IST)Updated: Fri, 22 Nov 2019 05:42 PM (IST)
विश्व में सर्वश्रेष्ठ है भारत की कला-संस्कृति
विश्व में सर्वश्रेष्ठ है भारत की कला-संस्कृति

संवाद सूत्र, पाकुड़िया (पाकुड़): स्थानीय उषा देवी सरस्वती शिशु मंदिर में शुक्रवार को भारतीय कला एवं संस्कृति संरक्षण कार्यक्रम सह अभिभावक सम्मेलन का आयोजन किया गया। सभा में अध्यक्ष अमित कुमार भगत, प्रधानाचार्य देवेंद्र वर्मा, सह सचिव गौतम रजक तथा कोषाध्यक्ष संतोष कुमार साह ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित किया। अतिथियों ने भारत माता के चित्र पर पुष्प अर्पित किया। स्कूल के छात्र-छात्राओं ने सरस्वती वंदना व स्वागत गान प्रस्तुत किया।

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सम्मेलन में स्कूल के भैया-बहनों ने हिदी, बंगला व संस्कृत भाषा में नृत्य-गीत प्रस्तुत किया। नुक्कड़-नाटक के माध्यम से भैया-बहनों ने स्वच्छता पर प्रकाश डाला। रंगोली व चित्रकला में भी बच्चों ने प्रतिभा दिखाई। प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले भैया-बहनों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया।

आचार्य लखींद्र पाल ने विद्यालय के इतिहास से अभिभावकों को रूबरू कराया। मुख्य अतिथि सेवानिवृत प्रधानाध्यापक यज्ञंता ओझा ने कहा कि विश्व में भारत की कला व संस्कृति सर्वश्रेष्ठ है। उन्होंने कहा कि बच्चे का पहला गुरु उनके माता-पिता होते हैं। कार्यक्रम का संचालन निलय दास ने किया। मौके पर आचार्य किशोर गुप्ता, भरत पाल, झरना दास, मिनिफ्रेड, विनोद पाल, जागीर सोरेन सहित सभी आचार्य एवं अभिभावकगण उपस्थित थे।


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