बेहतर हुआ काम, कायाकल्प का मिला इनाम
संसाधन की कमी के बावजूद स्वास्थ्य के क्षेत्र में बेहतर कार्य हुए हैं। वर्तमान में भी कई महत्वपूर्ण कार्य किए जा रहे हैं।
पाकुड़ : आकांक्षी जिला घोषित होने के बाद वर्ष 2019 में पाकुड़ जिले ने राज्य में पहला व देश में तीसरा स्थान प्राप्त किया था। स्वास्थ्य और समाज कल्याण विभाग सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं को धरातल पर लाकर एकबार फिर राज्य और देश स्तर पर अपना परचम लहराने की तैयारी में जुट गई है।
संसाधन की कमी के बावजूद स्वास्थ्य के क्षेत्र में बेहतर कार्य हुए हैं। वर्तमान में भी कई महत्वपूर्ण कार्य किए जा रहे हैं। स्वास्थ्य और पोषण क्षेत्र में सुधार के लिए अबतक 5 करोड़ 94 लाख 65 हजार रुपये खर्च किए जा चुके हैं। स्वास्थ्य विभाग को आकांक्षी कार्यक्रम के तहत मिली राशि से स्वास्थ्य केंद्र बेलडांगा, सलगापाड़ा और शहरग्राम में टेलीमेडिसीन की शुरुआत की गई। कोरोना काल में यह व्यवस्था लोगों के लिए वरदान साबित हुई। गैर संचारी बीमारी की इलाज के लिए जिले के 32 उप स्वास्थ्य केंद्रों को उत्क्रमित कर स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्र में परिवर्तित किया गया। उक्त सभी केंद्रों में स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने में काफी राशि खर्च किए गए। हालांकि जमीनी हकीकत यह है कि चिकित्सकों की कमी के कारण केंद्रों में ताला लटक रहा है। नीति आयोग के सदस्य तुहीन बनर्जी के अनुसार पिछले दो वर्षों में आई राशि से स्वास्थ्य के क्षेत्र में काफी सुधार हुआ है। दो नए अस्पताल मिले : नीति आयोग के अनुसार आकांक्षी योजना के तहत सदर अस्पताल को दो नए अस्पताल मिले। स्वास्थ्य केंद्र बरहाबाद और सदर प्रखंड अंतर्गत झिकरहाटी का हस्तांतरण हुआ। उक्त दोनों अस्पतालों को विकसित करने में भी राशि खर्च की जा रही है। उक्त केंद्रों में स्वास्थ्य से संबंधित तमाम सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं। उक्त दोनों अस्पतालों के हस्तांतरण होने से इलाके के लोगों को बेहतर सुविधाएं मिलने की उम्मीद है। सदर अस्पताल को मिला कायाकल्प अवार्ड : आकांक्षी कार्यक्रम के तहत सदर अस्पताल का सौंदर्यीकरण हुआ है। अस्पताल परिसर में विभिन्न प्रकार के पौधे लगाए गए हैं। सफाई भी बेहतर है। रांची और दिल्ली से आई कायाकल्प टीम द्वारा सदर अस्पताल का निरीक्षण किया गया था। निरीक्षण के उपरांत सदर अस्पताल की व्यवस्था कायाकल्प अवार्ड के लिए मानकों पर खरा उतरा। यही कारण है कि पिछले दिनों सदर अस्पताल को कायाकल्प अवार्ड से नवाजा गया।
सीमित संसाधनों में बेहतर करने का प्रयास जारी है। सदर अस्पताल के सौंदर्यीकरण से लेकर कई बेहतर कार्य किए जा चुके हैं। अभी और भी कार्य किया जाना बाकी है।
डॉ. रामदेव पासवान, सिविल सर्जन, पाकुड़