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बाजार समिति का 47 लाख बकाया, कंपनी ब्लैक लिस्ट हुई

पाकुड़ : कृषि उत्पादन बाजार समिति में नवनिर्मित 6000 मीट्रिक टन क्षमता वाली गोदाम को किराये प

By JagranEdited By: Published: Tue, 21 Nov 2017 05:32 PM (IST)Updated: Tue, 21 Nov 2017 05:32 PM (IST)
बाजार समिति का 47 लाख बकाया, कंपनी ब्लैक लिस्ट हुई
बाजार समिति का 47 लाख बकाया, कंपनी ब्लैक लिस्ट हुई

पाकुड़ : कृषि उत्पादन बाजार समिति में नवनिर्मित 6000 मीट्रिक टन क्षमता वाली गोदाम को किराये पर लेने वाली राजहंस ट्रांसपोर्ट एंड वेयर हाउ¨सग कंपनी के पास बाजार समिति का 47.79 लाख रुपया बकाया है। बकाया जमा नहीं करने पर बाजार समिति कंपनी के खिलाफ सर्टिफिकेट केस कर चुकी है। केस दर्ज होने के बाद कंपनी ने बाजार समिति को 12 लाख रुपये जमा कराई। न्यायालय से फैसला आने के बाद कंपनी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई संभव है।

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बताते दे कि राजहंस ट्रांसपोर्ट एंड वेयर हाउ¨सग कंपनी ने कृषि उत्पादन बाजार समिति से अनाज भंडारण के लिए 10 अगस्त 2015 को एग्रीमेंट किया। इसके बाद कंपनी ने वर्ष 2015 के जनवरी में बिहार राज्य भंडार निगम के साथ एग्रीमेंट किया। बिहार राज्य भंडार निगम राजहंस कंपनी के माध्यम से अनाज का भंडारण शुरू किया। 5000 मीट्रिक टन क्षमता वाली दो गोदाम का एग्रीमेंट होने के बाद से नवंबर 2017 तक का किराया भुगतान नहीं किया गया। बाजार समिति ने दो गोदाम व एक खाली जमीन का किराया 59.79 लाख रुपये जमा करने के लिए कंपनी को पत्र लिखा। लेकिन इसके बाद भी कंपनी ने बकाया राशि का भुगतान नहीं किया। समिति ने बकाया राशि के भुगतान करने के लिए कंपनी को नोटिस भी भेजी। हालांकि नोटिस भेजने के बाद भी बकाया जमा नहीं हुआ। इसके बाद कृषि उत्पादन बाजार समिति ने न्यायालय में कंपनी के खिलाफ सर्टिफिकेट केस दर्ज किया। केस दर्ज होने के बाद कंपनी ने प्रावधानों के अनुरूप बाजार समिति को 12 लाख रुपये जमा कराया।

विभाग ने किया ब्लैक लिस्टेड

राजहंस कंपनी द्वारा 47 लाख रुपये बकाया राशि जमा नहीं करने पर झारखंड राज्य कृषि विपणन परिषद ने 2 जून 2016 को एकरारनामा रद करते हुए कंपनी को काली सूची में डालने संबंधी पत्र निर्गत किया। कृषि उत्पादन बाजार समिति कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार कंपनी को ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया है। उनका एकरारनामा भी रद कर दिया गया है। इधर, कंपनी के एक अधिकारी ने बताया कि ब्लैक लिस्टेड नहीं किया गया है। मामला न्यायालय में लंबित है, न्यायालय से जो भी फैसला आएगा उसे स्वीकार किया जाएगा।

वर्जन...

कंपनी को बकाया भुगतान के लिए तीन बार नोटिस भेजा गया, लेकिन इसके बाद भी बकाया का भुगतान नहीं किया गया। झारखंड राज्य कृषि विपणन परिषद ने एकरारनामा रद करते हुए कंपनी को काली सूची में डाल दिया है।

अमित कुमार, सचिव

कृषि उत्पादन बाजार समिति, पाकुड़


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