26 सौ चापाकलों के सूख गए हलक
संवाद सहयोगीपाकुड़ गर्मी की दस्तक के साथ ही जिले में पेयजल संकट गहराने लगा है। जल संकट
संवाद सहयोगी,पाकुड़: गर्मी की दस्तक के साथ ही जिले में पेयजल संकट गहराने लगा है। जल संकट से निजात दिलाने के लिए लगाए गए चापाकलों में से 2650 चापाकल के हलक सूख गए है। एक साल में जिले में कोई नया चापाकल नहीं गाड़ा गया है।
पेजजल एवं स्वच्छता विभाग की ओर से जिले में एक अप्रैल 2018 तक 12525 चापाकल गाड़े गए हैं। इनमें 1222 चापाकल पूरी तरह बेकार पड़े हैं। 1436 चापाकल पाइपों के सड़ जाने के कारण बंद हैं। इस प्रकार बंद पड़े चापाकलों को चालू करने के लिए विभाग को टेंडर निकालना पड़ता है। लेकिन विभाग की ओर से इसके लिए कब टेंडर निकाला जाएगा इसकी जानकारी इसके कार्यपालक अभियंता को भी नहीं है। उन्होंने ने बताया कि इन दिनों जिले में 9867 चापाकल ही हालत में हैं।
जिले के किसी गांव में जब कोई चापाकल खराब हो जाता है, तो ग्रामीण इसकी सूचना प्रशासन एवं इस विभाग को देने में रुचि नहीं दिखते हैं। हालांकि वे पेयजल संकट से जूझ रहे होते हैं। अगर कोई इसकी सूचना देता हैं और मिस्त्री उसे ठीक करने पहुंचता भी हैं तो ग्रामीणों को इसके एवज में चंदा देना पड़ता है।
पीएचईडी कार्यपालक अभियंता भी बताते हैं कि अखबारों में चापाकल खराब होने की खबर छपने के बाद विभाग की ओर से वहां के चापाकल को चालू करने का प्रयास किया जाता है।