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आत्मनिर्भरता की अनूठी मिसाल : लोहरदगा के भंडरा प्रखंड के हर गांव में महिलाएं कर रहीं स्वरोजगार

राजेश प्रसाद गुप्ता भंडरा (लोहरदगा) लोहरदगा जिले में महिलाएं मेहनत के बूते अब अपनी तकदी

By JagranEdited By: Published: Thu, 29 Oct 2020 03:27 PM (IST)Updated: Fri, 30 Oct 2020 04:09 AM (IST)
आत्मनिर्भरता की अनूठी मिसाल : लोहरदगा के भंडरा प्रखंड के हर गांव में महिलाएं कर रहीं स्वरोजगार
आत्मनिर्भरता की अनूठी मिसाल : लोहरदगा के भंडरा प्रखंड के हर गांव में महिलाएं कर रहीं स्वरोजगार

राजेश प्रसाद गुप्ता, भंडरा (लोहरदगा) : लोहरदगा जिले में महिलाएं मेहनत के बूते अब अपनी तकदीर लिख रही हैं। खुद की पहचान बना रही हैं। पहले चंद रुपयों के लिए मोहताज महिलाएं अब आर्थिक रूप से संपन्न हो रही हैं। घर-परिवार चला रही हैं। इन बहादुर महिलाओं से मिलना है तो चले आइए भंडरा प्रखंड। यहां महिलाओं ने महिला मंडल बना रखा है। इसी से जुड़ कर ये ग्रामीण महिलाएं उड़ान भर रही हैं।

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दरअसल, लोहरदगा के भंडरा प्रखंड के विभिन्न गांवों में 781 महिला समूह बनाए गए हैं। इससे आठ हजार महिलाएं जुड़ी हैं। समूह के माध्यम से ही आत्मनिर्भरता का उदाहरण पेश कर रही हैं। महिलाओं की कार्य कुशलता को देखकर वित्तीय वर्ष 2020-21 में जेएसएलपीएस ने प्रखंड के 396 महिला समूहों के बीच 50-50 हजार रुपये ऋण वितरित किया था। इस पैसे से महिलाएं सिलाई सेंटर, जूता दुकान, फूल बागवानी, ढलाई मशीन, मशरूम की खेती, पुआल कटिग मशीन और बीसी सेंटर चला रही हैं। इससे इन्हें आमदनी हो रही है। यह इनके जीवन यापन का जरिया बन गया है। इन महिलाओं की मेहनत देखकर लोग खूब सराहना करते हैं। भंडरा प्रखंड क्षेत्र में ऐसा कोई गांव नहीं है, जहां महिलाएं रोजगार से नहीं जुड़ी हुई हों।

----- 25 हजार कर्ज लेकर किया रोजगार, अब मनमईत के पास अपना घर भी

भंडरा की रहने वाली मनमईत देवी कहती हैं की एक वक्त था जब उनके पास रहने के लिए घर नहीं था। किराए के घर में रहते थे। बाद में वह महिला समूह से जुड़ीं। 25 हजार रुपये ऋण लेकर सिलाई केंद्र खोल लिया। अब यही परिवार के भरण-पोषण का जरिया बन गया। धीरे-धीरे पैसे जमा कर जमीन भी खरीद ली। अपना खुद का आशियाना भी बनकर तैयार है।

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40 हजार रुपये कर्ज लेकर शुरू किया रोजगार, अब कमा रहीं एक लाख

नौडीहा चौक निवासी रीना लकड़ा कहती हैं की शादी के बाद ससुराल आने के बाद घर की आर्थिक स्थिति काफी खराब थी। सारे सपने टूट चुके थे। घर चलाने में उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता था। इसके बाद महिला आजीविका समूह से जुड़ीं। इसके बाद समूह में सक्रिय हुई। 40 हजार रुपये ऋण लेकर बीसी केंद्र चला रही हैं। इससे वार्षिक एक लाख रुपये की कमाई होती है।

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रीना के जीने का जरिया बन गया ब्यूटी पार्लर और सिलाई केंद्र

भौंरों मोड निवासी रीना देवी कहती हैं कि आज मैं जो भी हूं, इसमें महिला समूह का बहुत बड़ा योगदान है। समूह से 40 हजार ऋण लेकर ब्यूटी पार्लर और सिलाई सेंटर खोला था। अब यही जीवन यापन का एक जरिया बन गया है। अब पैसे के लिए किसी के पास हाथ फैलाने की जरूरत नहीं पड़ती। घर-परिवार का खर्च इसी कमाई से वहन हो रहा है।

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अब राधा देवी हर महीने कमा रही दस से बारह हजार रुपये

भंडरा बाजार टांड की रहने वाली राधा देवी कहती हैं कि महिमा आजीविका महिला समूह से जुड़ कर उन्होंने 44 हजार रुपये ऋण लिया था। इस पैसे से उन्होंने एक ब्यूटी पार्लर खोल लिया। इससे प्रत्येक माह 10-12 हजार रुपये की कमाई हो रही है। पहले पैसे के लिए तरसती थीं, अब खुद कमा कर घर परिवार चला रही हैं। उनकी मानें तो महिला समूह महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में सक्षम है। उनकी जैसी कई महिलाओं की जिंदगी बन गई।

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गर्व है कि आत्मनिर्भर बन रहीं गांव की महिलाएं : पुष्पा मंजुला

जेएसएलपीएस संस्था की बीपीएम पुष्पा मंजुला टोप्पो ने दैनिक जागरण से बातचीत में कहा कि संस्था का उद्देश्य ही महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूती प्रदान करना है। भंडरा प्रखंड की महिलाएं तेजी से आगे बढ़ रही हैं। उन्हें आत्मनिर्भर बनते देखकर खुशी होती है। इसके लिए जेएसएलपीएस प्रतिबद्ध भी है। महिला समूह के उत्थान व महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने को लेकर इस वर्ष 396 महिलाओं के बीच 50-50 हजार रुपये ऋण दिया गया है।


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